बक्सर
. राजपुर थानांतर्गत सगरांव ग्राम में मंगलवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य जलभरी शोभायात्रा के साथ हुआ. गाजे-बाजे के साथ निकली इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और धार्मिक उत्साह का परिचय दिया. कथा के पहले दिन बक्सर वाले मामाजी के कृपापात्र आचार्य श्री रणधीर ओझा ने श्रीमद्भागवत की महिमा पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ भगवान की शब्दमयी मूर्ति है, जैसे हम पत्थर, सोना या लकड़ी की मूर्तियों में भगवान की प्रतिष्ठा करते हैं, वैसे ही भागवत महापुराण में भगवान स्वयं प्रतिष्ठित हैं. यह ग्रंथ भगवान श्रीवेदव्यास द्वारा रचित है, जिसमें भगवान की दिव्य ज्योति स्वयं प्रकाशित होती है. आचार्य श्री ने बताया कि भागवत कथा में छह वक्ता और छह श्रोता हैं. पहले वक्ता नारायण और श्रोता ब्रह्मा हैं, फिर क्रमशः ब्रह्मा-नारद, नारद-व्यास, व्यास-शुकदेव, शुकदेव-परीक्षित और अंत में सूत जी द्वारा 88,000 ऋषियों को कथा सुनायी गयी. उन्होंने कहा कि यह कथा सभी के लिए श्रवणीय है और भगवान की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करती है. श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव से कथा में शामिल हो रहे हैं और वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बना हुआ है. कथा सप्ताह के दौरान प्रतिदिन भक्ति संगीत, प्रवचन और प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गयी है.
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