17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वाटिका में एक-दूसरे को देखते रह जाते हैं मां सीता व श्रीराम

आस्था. रामलीला में फुल बगिया का हुआ मंचन बक्सर : शहर के किला मैदान में आयोजित 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के तहत रामलीला व कृष्णलीला का मंचन किया जा रहा है. श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध रामलीला मंडल के ब्रजधाम नंद नंदल संस्थान के स्वामी श्री करतार प्रपन्नाचार्य जी महाराज […]

आस्था. रामलीला में फुल बगिया का हुआ मंचन

बक्सर : शहर के किला मैदान में आयोजित 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के तहत रामलीला व कृष्णलीला का मंचन किया जा रहा है. श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध रामलीला मंडल के ब्रजधाम नंद नंदल संस्थान के स्वामी श्री करतार प्रपन्नाचार्य जी महाराज के निर्देशन व प्रख्यात व्यास आचार्य गणेश चंद्र दीक्षित जी महाराज के प्रसंग गायन के दौरान शनिवार की देर रात फुल बगिया व धनुष प्राप्ति का मंचन हुआ. इसमें दिखाया गया कि महर्षि विश्वामित्र के निर्देश पर श्रीराम पुष्प तोड़ने के लिए वाटिका जाते हैं. दूसरी ओर, महारानी सुनयना देवी की आज्ञा लेकर सीता गौरी माता का पूजा करने जाती हैं.
रास्ते में सीता अपनी सखी को वाटिका से पुष्प लाने को कहती हैं. सीता की सखी वाटिका में श्रीराम को देख कर मोहित हो जाती है. वह तुरंत सीता को वाटिका लेकर आती हैं, जहां, श्रीराम और माता सीता एक-दूसरे को देखते रह जाते हैं. उसके बाद दोनों पुष्प लेकर लौट जाते हैं. सीता माता गौरी की पूजन करते उनसे आशीर्वाद लेती हैं. दूसरी ओर, श्रीराम महर्षि विश्वामित्र को फूल लाकर देते हैं. उसके बाद महर्षि पूजा ने लीन हो जाते हैं.
दो मुट्ठी चावल के बदले श्रीकृष्ण ने सुदामा को दी दो लोकों की संपत्ति : वहीं, रविवार को कृष्णलीला में सुदामा चरित्र (भाग दो) का मंचन हुआ. इसमें दिखाया गया कि श्रीकृष्ण और सुदामा शिक्षा ग्रहण कर अपने-अपने घर लौटते हैं. कालांतर में सुदामा का विवाह वसुंधरा नाम की स्त्री के साथ होता है. दिन-प्रतिदिन सुदामा गरीब होते जाते हैं. सुदामा की पत्नी श्रीकृष्ण से मदद मांगने का हठ करतीं हैं. काफी दिनों बाद सुदामा श्रीकृष्ण के पास जाने को तैयार होते हैं.
श्रीकृष्ण को भेंट देने के लिए सुदामा की पत्नी पड़ोसी से दो मुट्ठी चावल लेकर आती हैं. चावल की पोटली लेकर सुदामा द्वारीकापूरी के लिए निकलते हैं. मार्ग में नदी मिलती है, जिसे श्रीकृष्ण मल्लाह बनकर पार कराते हैं. काफी थकने की वजह से सुदामा एक वृक्ष के नीचे सो जाते हैं, जहां से श्रीकृष्ण अपनी योग माया से सुदामा को अपने महल के द्वार के पास पहुंचा देते हैं.
प्रभु अपने मित्र से मिलने के लिए महल से दौड़ कर आते हैं. उन्हें महल के अंदर ले जाते हैं. उनके चरण पखारते हैं. कृष्ण आने का कारण पूछते हैं, लेकिन सुदामा कुछ नहीं बताते हैं. वह उन्हें उपहार में चावल की पोटली देते हैं. इसपर श्रीकृष्ण की आंखें भर उठती हैं और श्रीकृष्ण उन्हें दो लोक की संपत्ति भेंट करते हैं.
श्रीकृष्णलीला का भी हुआ मंचन
रंगमंच पर नाटक का प्रदर्शन करते कलाकार.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें