बक्सर : सदर अस्पताल भवन में चलनेवाला डायलिसिस केंद्र चिकित्सक के नहीं रहने के बावजूद काम रहा है.मरीजों की जान की परवाह न किये हुए डायलिसिस केंद्र का संचालन टेक्निशियनों द्वारा किया जा रहा है. डायलिसिसि के वक्त चिकित्सक मौजूद रहें या न रहें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वैसे भी चिकित्सक कभी कभार ही विभाग में आते हैं.
इसका नमूना गुरुवार को केंद्र पर देखने को मिला. गुरुवार को डायलिसिस के लिए मरीज विभाग में आये, पर चिकित्सक नदारद रहे. प्रतिदिन स्वास्थ्य लाभ के लिए आनेवाले 4-5 डायलिसिस मरीजों ने बताया कि यह समस्या एक दिन की नहीं है, बल्कि हमेशा ही बनी रहती है.
कैसा है केंद्र : किडनी खराब मरीजों को डायलिसिस की सुविधा देकर स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से सरकार ने बी ब्रान कंपनी को पब्लिक पार्टनर के तहत सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट लगायी है. इस यूनिट में प्रतिदिन औसत 4-5 मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. डायलिसिस के दौरान चिकित्सक की मौजूदगी आवश्यक है.
केंद्र पर नियुक्त चिकित्सक कभी-कभी आते हैं. इसकी जानकारी के लिए केंद्र पर पहुंचने से हकीकत सामने आयी.
क्या है मामला : चिकित्सक के कभी-कभी आने की सत्यता जांच के लिए जब अखबार के प्रतिनिधि पहुंचे, तो एक मरीज आया और अन्य मरीजों का डायलिसिस जारी था. काउंटर पर मौजूद डाटा ऑपरेटर से चिकित्सक के बारे में पूछने पर कहा कि अभी नीचे गये हैं. फिर कुछ ही मिनटों में पटना जाने की बात कही.
फिर कहा कि उनके नहीं रहने पर डॉ इमरान सर देखते हैं. पुन: चिकित्सक डॉ एसके संजीव से बात कर कहा कि आधा घंटे में आ जायेंगे, पर डेढ़ घंटे में भी चिकित्सक से भेंट नहीं हो सकी.
सिविल सर्जन डॉ ब्रज कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले को मैं गंभीरता से लूंगा. स्वास्थ्य के क्षेत्र लापरवाह लोगों पर कार्रवाई भी की जायेगी. डायलिसिस केंद्र पर चिकित्सक का उपस्थित नहीं रहना गंभीर मामला है.इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.