बक्सर
. सवर्ण आयोग के अध्यक्ष डाॅ महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सवर्ण समाज के बहुतेरे लोगों की स्थिति अच्छी नहीं है. लगभग 49 प्रतिशत सवर्ण गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हैं. जिन्हें दो समय सही तरीके से भोजन भी नहीं नसीब नहीं हो रहा है. अशिक्षा, बेरोजगारी, आर्थिक संकट से जूझ रहे इस समाज के कल्याण हेतु केंद्र एवं बिहार सरकार ने आयोग बनाया, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास-सबका प्रयास का मंत्र सफल हो. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आयोग गठित कर जरूरतमंद सवर्णों के जीवन स्तर सुधारने को उन्हें यह दायित्व दिया गया है. डॉ महाचंद्र प्रसाद ने कहा कि 91 प्रतिशत सवर्ण लोग का जीवन संघर्षमय है. 9 से 10 प्रतिशत सवर्ण अमीर हो सकते हैं. क्या राजनीतिक लाभ के लिए आयोग के गठन के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबका चिंतन करते हुए सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है. यह उनके दूरगामी कल्याणकारी सोच का परिणाम है. ऐसे में राजनैतिक लाभ के लिए सवर्ण आयोग का गठन कहना गलत है. डॉ. प्रसाद ने कहा कि एसी,एस टी,ओ बी सी सभी के कल्याण के साथ -साथ भारतवर्ष के प्रत्येक समाज एवं नागरिक का चिंतन करना कोई राजनीति नहीं.कार्यकर्ताओं ने किया फूल-मालाओं से स्वागत : स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के मुहम्मदाबाद में आयोजित समारोह में जाने के दौरान डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह यहां पहुंचे थे. बिहार सवर्ण आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार बक्सर पहुंचे पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह का कार्यकर्ताओं ने भव्य तरीके से स्वागत किया. इस क्रम में क्रीड़ा भारती के प्रांत मंत्री सह भाशिमं के प्रांत उपाध्यक्ष सह स्मृति ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन बक्सर के निदेशक डॉ रमेश कुमार द्वारा अंगवस्त्र एवं माल्यार्पण किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

