राजपुर(बक्सर) : सूखे की मार झेंल रहे किसानों ने डीजल पंपसेट चालू कर धान के पौधों की रोपनी की है. वहां लगे धान के पौधों में तना को छेदने वाले कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है. रोग लगने के कारण पौधे पीले होकर सूखने लगे हैं.साथ ही खेतों में पर्याप्त पानी नहीं होने से घास भी उग गये हैं. जो धान की फसल के लिए नुकसानदेह हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए देवढ़ियां गांव के किसान शिव नारायण तिवारी, दयानंद मौर्य, सरोज रावत, विपिन रावत, सुरेंद्र तिवारी अकोढ़ी के किसान महेंद्र मौर्य ने बताया कि रोपनी करने के करीब 20 दिनों के बाद इन कीटों का प्रकोप तेजी के साथ बढ़ता है.
जो धान के मूल ग्रोथ को चाटने लगते हैं और धान का पौधा पीला होकर सूख जाता है़ इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक या पंचायतों में बहाल किये गये कृषि सलाहकार भी इन किसानों को कोई जानकारी या सुझाव नहीं दे पाते हैं.
इस रोग से संबंधित जानकारी के लिए देवढ़ियां के किसान दयानंद मौर्य ने जब जिला कृषि पदाधिकारी श्रीभगवान राय से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की, तो उन्होंने बताया कि इसके लिए किसान फ्यूरोडॉन को प्रति बीघा पांच किलोग्राम के हिसाब से बालू में मिला कर छिड़काव करें.
किसानों का कहना है कि कृषि सलाहकार या फिर कृषि विभाग के किसी भी कर्मचारी द्वारा किसानों को कोई सुझाव देना तो दूर, इनकी समस्या भी सुनने वाला कोई नहीं है. फिलहाल इस क्षेत्र के रसेन, इनापुर, दुल्फा, हरपुर, तियरा सहित अन्य गांवों में इस रोग का काफी प्रभाव है़.