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डाटा ऑनलाइन करने पर खर्च पांच रुपये, आवंटित सवा रुपये

बक्सर : शिक्षा विभाग से मिलनेवाले सभी प्रकार की लाभुक आधारित योजनाओं का क्रियान्वयन केंद्रीकृत रूप से एनआइसी द्वारा विकसित साॅफ्टवेयर मेधासॉफ्ट एवं इ-लाभार्थी पोर्टल के माध्यम से किया जाना है. इसको लेकर विद्यालय प्रधानाध्यापकों के समक्ष विकट समस्या कायम हो गयी है. सभी बच्चों की जानकारी के लिए प्रति बच्चे महज 1 रुपये 25 […]

बक्सर : शिक्षा विभाग से मिलनेवाले सभी प्रकार की लाभुक आधारित योजनाओं का क्रियान्वयन केंद्रीकृत रूप से एनआइसी द्वारा विकसित साॅफ्टवेयर मेधासॉफ्ट एवं इ-लाभार्थी पोर्टल के माध्यम से किया जाना है. इसको लेकर विद्यालय प्रधानाध्यापकों के समक्ष विकट समस्या कायम हो गयी है. सभी बच्चों की जानकारी के लिए प्रति बच्चे महज 1 रुपये 25 पैसे विभाग से दिये गये हैं.

निर्धारित दर को लेकर नोडल पदाधिकारी डीबीटी कोषांग, शिक्षा विभाग, पटना द्वारा पत्र जारी किया गया है. जिस पैसे से बच्चों की जानकारी ऑनलाइन करना मुश्किल काम है. एक बच्चे के डाटा को ऑनलाइन करने में प्रधानाध्यापक को कम-से- कम पांच रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
राशि के अभाव में विद्यालयों के बच्चों का डाटा निर्धारित समय पर ऑनलाइन नहीं हो पायेगा. ज्ञात हो कि डाटा को ऑन लाइन विद्यालय स्तर पर ही करने का निर्देश जारी किया गया है. ऑन लाइन इंट्री को लेकर डाटा इंट्री ऑपरेटर भी नहीं है, जिसके कारण साइबर कैफे में इंट्री कराना प्रधानाध्यापकों की मजबूरी बन गयी है.
वहीं साइबर कैफे में प्रति छात्र इंट्री के लिए कम- से- कम पांच रुपये की मांग की जा रही है. इसके अतिरिक्त प्रिंटिंग के चार्ज की भी मांग की जा रही है. इसको लेकर कई प्रधानाध्यापकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बच्चों के डाटा की इंट्री कराना काफी कठिन काम हो गया है. विभाग से डाटा ऑपरेटर रखकर इंट्री कराया जाये, जिससे ससमय सभी बच्चों के डाटा को अपलोड किया जा सके.

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