Advertisement
डुमरांव : बच्चे को इंजेक्शन लगने के बाद निकलने लगा मुंह से झाग
डुमरांव : नया भोजपुर ओपी थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक में एक बच्चे की मौत हो गयी. मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और घंटों तक एनएच 84 सड़क के पुराना भोजपुर चौक को जाम कर डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. मामला […]
डुमरांव : नया भोजपुर ओपी थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक में एक बच्चे की मौत हो गयी. मौत की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और घंटों तक एनएच 84 सड़क के पुराना भोजपुर चौक को जाम कर डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे.
मामला बुधवार की रात करीब 9 बजे की बताया जाता है. घटना की सूचना मिलते ही नया भोजपुर ओपी पुलिस और एसडीपीओ केके सिंह पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम को हटाया.
एसडीपीओ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुराना भोजपुर के सिमरी रोड स्थित एक क्लिनिक से डॉक्टर उत्तम कुमार मजुमदार उर्फ बंगाली और कंपाउंडर उत्तम कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस मामले में पुराना भोजपुर निवासी रामाकांत चौधरी के पुत्र संजय कुमार चौधरी ने डॉक्टर व कंपाउंडर के खिलाफ नामजद एफआइआर स्थानीय थाने में दर्ज करायी है. इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने क्लिनिक नहीं खोलने की सख्त हिदायत दी है.
घटना को लेकर बताया जाता है कि पुराना भोजपुर के संजय के पांच वर्षीय पुत्र आयन बुखार से पीड़ित था. परिजनों ने सिमरी रोड में क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर बंगाली के पास ले गये. वहां बच्चे को दवा दी गयी. जब डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया तो बच्चे की हालत बिगड़ने लगी. मुंह से झाग निकलने लगा. डॉक्टर ने हालत बिगड़ते देख मरीज को बक्सर ले जाने की सलाह दी.
परिजन बच्चे को बक्सर लेकर निकले लेकिन रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. यह मनहूस खबर मिलते ही मोहल्ले सहित अन्य ग्रामीणों में डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश भड़क गया और पुराना भोजपुर चौक को जाम कर आवागमन ठप कर दिया. थानाध्यक्ष सुनील कुमार निर्झर ने बताया कि डॉक्टर और कंपाउंडर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस मामले में बक्सर सीएस को भी सूचना दी गयी है.
इलाज के नाम पर करते हैं ठगी, होती है मौत
डुमरांव. अनुमंडल के इलाके में इलाज के नाम पर झोलाछाप डॉक्टर मरीज के परिजनों को ठगी का शिकार बनाते हैं. हालांकि सरकार ने इस तरह के गैर क्लिनिक चलाने वालों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग का महकमा उदासीन बना है.
पिछले दिनों झोलाछाप डॉक्टरो के इलाज से सिमरी के मझवारी गांव निवासी रवींद्र यादव के 10 वर्षीय पुत्र की मौत हो गयी तो वहीं पुराना भोजपुर के राजनारायण चौधरी के पुत्र भी मौत के गाल में समा गया.
ऐसी मौतें इलाके में दर्ज़नो की संख्या पार कर चुकी है फिर भी लोग अपने इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों के शरण में पहुंचते है. इलाके में ऐसे दो दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों की क्लिनिक खुलेआम चल रही है. फिर भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग आंखें बंद कर रखा है. ऐसी स्थिति में गरीब व अशिक्षित परिजनों के सदस्यों की मौत एक पहेली बनकर रह जाती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement