दिवंगत अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की लड़की के मामले में आया फैसला
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छेड़खानी व धमकी मामले में छह वर्ष की सजा
दिवंगत अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की लड़की के मामले में आया फैसला बक्सर कोर्ट : एसडीजेएम राकेश रंजन सिंह ने महिला थाना कांड संख्या 38/2015 के अभियुक्त को दोषी पाते हुए छह वर्ष एक माह की सजा सुनायी है. सजा के बाद अभियुक्त गोपाल उर्फ सल्लू की जमानत याचिका को खारिज करते हुए जेल भेज […]
बक्सर कोर्ट : एसडीजेएम राकेश रंजन सिंह ने महिला थाना कांड संख्या 38/2015 के अभियुक्त को दोषी पाते हुए छह वर्ष एक माह की सजा सुनायी है. सजा के बाद अभियुक्त गोपाल उर्फ सल्लू की जमानत याचिका को खारिज करते हुए जेल भेज दिया गया. उक्त फैसले को लेकर मंगलवार की सुबह से ही लोगों की नजर न्यायालय पर लगी हुई थी. बताते चलें कि मामला अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा के हत्याकांड से जुड़ा हुआ है, जहां दिवंगत अधिवक्ता की पुत्री ने बक्सर सोहनीपट्टी के रहनेवाले गोपाल उर्फ सल्लू पर छेड़खानी समेत अन्य कई आरोपों को लेकर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
पीड़िता ने प्राथमिकी में कहा था कि अभियुक्त उसके या उसके परिवार के सदस्यों पर कभी भी जानलेवा हमला कर सकता है. जिसके कुछ दिनों के बाद ही अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की दिनदहाड़े उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. जब वे अपने घर से निकल कर न्यायालय जा रहे थे. शुरू से ही विवादों में रहे हत्याकांड को लेकर अधिवक्ताओं ने महीनों तक हड़ताल कर अपने को न्यायिक कार्यों से अलग कर लिये थे. मंगलवार को न्यायालय ने जैसे ही सजा सुनायी दिवंगत अधिवक्ता की पत्नी की आंखों में खुशी के आंसू आ गये.
इन धाराओं में दर्ज हुई थी प्राथमिकी : बक्सर सोहनीपट्टी के रहनेवाले अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की लड़की ने उसी मुहल्ले के रहनेवाले गोपाल उर्फ सल्लू के खिलाफ 16 अक्तूबर 2015 को महिला थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 341, 348, 506, 354 एवं 509 में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि अभियुक्त उसके पीछे पड़ा हुआ है तथा जबरन उसे तंग करते रहता है. मना करने पर घर में घुसकर जान से मारने की धमकी देता है. घटना के कुछ ही दिन बाद अधिवक्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. न्यायालय ने धारा 341 के तहत एक महीने की सजा तथा दो हजार रुपये जुर्माना, 448 के तहत एक साल की सजा, 506 के तहत दो साल की सजा, 354 के तहत दो साल की सजा एवं चार हजार रुपये जुर्माना तथा 509 के तहत एक साल की सजा एवं एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
अलग-अलग सजा के फैसले से हुआ जेल : एसडीजेएम के न्यायालय ने अभियुक्त के खिलाफ अलग-अलग दफाओं में दी गयी सजाओं को बारी-बारी से भुगतने का आदेश सुनाया है. बताते चलें कि न्यायालय एक साथ सभी सजाओं का आदेश पारित कर देता तो अभियुक्त की जमानत उसी न्यायालय से मिल जाती. क्योंकि सजा की अवधि तीन वर्ष से कम की थी लेकिन न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा कि संबंधित दफाओं की सजा अभियुक्त को अलग-अलग भुगतना होगी. ऐसे में सभी दफाओं की सजा को जोड़ने पर छह वर्ष से अधिक की अवधि हो जाती है, जिसके चलते अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज हो गयी तथा उसे जेल भेज दिया गया. सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी भोला नाथ सिंह एवं अधिवक्ता शिवशंकर सिंह ने बहस में हिस्सा लिया. मामले में कुल छह गवाहों की गवाही को कलमदर्ज की गयी थी.
न्यायालय पर था भरोसा : उर्मिला मेहता : दिवंगत अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की पत्नी उर्मिला मेहता ने फैसले के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि न्यायालय पर उन्हें पूरा भरोसा था तथा उन्हें आज न्याय मिल गया. गौरतलब हो कि उर्मिला मेहता की पुत्री ने छेड़खानी को लेकर एक मामला महिला थाने में दर्ज कराया था, जिसके कुछ दिनों बाद प्रेम प्रकाश सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.मंगलवार को न्यायालय से आये फैसले के बाद पीड़िता की मां उर्मिला मेहता की आंखों में खुशी के आंसू आ गये.
कोर्ट में नहीं आये कुमार मान विजय सिंह
बक्सर कोर्ट. महाराजा बहादुर कमल सिंह के छोटे पुत्र कुमार मान विजय सिंह ने बताया कि सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में गवाही के लिए मैं उपस्थित नहीं हुआ और नहीं उस मामले से उनका कोई लेना-देना है. उन्होंने बताया कि वह पिछले कई दिनों से दिल्ली में हैं तथा अगले सप्ताह डुमरांव कोठी लौटेंगे. बताते चलें कि सोमवार को दवा दुकानदार रामबाबू गुप्ता के मामले में युवराज चंद्र विजय सिंह एवं कुमार शिवांग सिंह न्यायालय में उपस्थित होकर गवाही दर्ज करायी है.
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