डुमरांव : ससुराल में दीपक की हुई हत्या मामले का खुलासा पुलिस जल्द कर लेगी. अब तक की जांच से यह साफ हो चुका है कि मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है. युवक के पिता ने जब अपनी बहू पर एफआईआर दर्ज करायी उसी समय यह साफ हो गया कि कातिल कहीं दूर का नहीं बल्कि युवक को पूरी तरह से जानने वाला है.
पुलिस आनेवाले दिनों में पत्नी का भी ब्लड सेंपल टेस्ट करायेगी और उसे मृतक के जब्त खून के नमूनों से मिलान करेगी. जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उससे यह बात साफ है कि कातिल का मकसद सिर्फ हत्या करना ही था. मृतक के जब्त मोबाइल का सीडीआर निकालने में पुलिस जुटी हुई है. वहीं उसकी पत्नी किरण देवी का नंबर का सीडीआर भी निकाल रही है जिससे यह साफ हो सके कि किरण देवी का घटना के दिन किस नंबर पर और कितनी देर बात हुई है. उसी के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
झूठ बोलकर किरण ने अपने पति को बुलाया : किरण ने अपने पति दीपक कुमार को झूठ बोलकर बुलाया था. किरण ने फोन कर अपने से कहा था कि बेटी की तबीयत खराब है जिसके बाद देर शाम दीपक डुमरांव स्थित अपने ससुराल पहुंचा जहां घर में दीपक की पत्नी किरण और उसके दादा-दादी घर में मौजूद थे. किरण के पिता दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. जबकि किरण के मायके के और परिवार अटांव पंचायत के पीड़िया गांव स्थित पुश्तैनी मकान में रहते हैं.
किरण के शादी से पूर्व ही पीड़िया गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध था. इसका खुलासा होते ही पुलिस युवक की तलाश में जुट गयी है. जानकारों की मानें तो डुमरांव स्थित घर में कई संदिग्धों का आवागमन था. मृतक के पिता अंगद सिंह ने पुलिस को बताया कि पतोहू बराबर फोन कर युवकों से बातचीत करती थी. जब इस बात का विरोध बेटा करता था तो पतोहू मारपीट व गाली-गलौज पर उतर जाती थी.जिस घर के कमरे में घटना को अंजाम दिया गया है और मौका-ए-वारदात से जो अब तक तफ्तीश सामने आयी है. उससे एक बात तो स्पष्ट होता है कि हत्यारा पहले से ही घर में मौजूद था. जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है.
उससे यह बात साफ होती है कि एक महिला इस कांड को अंजाम नहीं दे सकती है. कुछ और लोग इस हत्याकांड में शामिल हैं.ससुराल में हुई दीपक हत्या की खबर जैसे ही इटाढ़ी के भेलूपुर में मिली घर में कोहराम मच गया. सूचना मिलते ही मृतक के पिता अंगद सिंह सहित अन्य परिजन डुमरांव पहुंचे और रोने-बिलखने लगे. मृतक के घर पर भी सन्नाटा पसर गया. बताया जाता है कि पिता अंगद सिंह पेशे से किसान हैं और खेती-बाड़ी से अपना घर परिवार चलाते हैं. पिता के कामों में दीपक हाथ बंटाता था.
इन सवालों पर पुलिस की तफ्तीश है जारी
सवाल नंबर एक किसके साथ किरण का चल रहा था प्रेम प्रसंग
सवाल नंबर दो हत्या पूरी प्लानिंग के साथ की गयी है
सवाल नंबर तीन कातिल पूरी तरह से उस परिवार को जानने वाला था
सवाल नंबर चार घटना के वक्त घर में ही हत्यारा मौजूद था.
सवाल नंबर पांच किरण देवी के बयान और घर के परिजनों के बयान में है अंतर
सवाल नंबर छह कौन सा वह नंबर है जिस पर किरण की हुई है बात
आखिर मेरे मासूम बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा था, जो उनको मार डाला
पुलिस की तत्परता भी नहीं बचा सकी मासूमों की जान
राजपुर : शनिवार की सुबह खीरी गांव के लिए काला दिन साबित हुआ. दोपहर बीतते-बीतते गांव के हर घर में मातम का माहौल कायम हो गया. गोलू और रोहित के परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया था. बच्चों को देखकर हर किसी के मुंह से सिर्फ यही बात निकलता था कि आखिर इन मासूमों ने किसी का क्या बिगाड़ा था. कातिलों को इनकी हत्या करने में तनिक भी दया नहीं आयी.18 अक्तूबर को अगवा किये गये दोनों चचेरे भाई जब देर शाम तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने काफी खोजबीन की.इसके बाद राजपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया.
थानाध्यक्ष ने 19 अक्तूबर को कांड संख्या 276/17 दर्ज करते हुए बच्चों की बरामदगी के लिए खोजबीन करनी शुरू कर दी. जांच की कार्रवाई चल ही रही थी कि शनिवार को दोनों का शव कुएं से बरामद हुआ. जिसके बाद इलाके में मातम छा गया.
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही पुलिस : कांड के खुलासे के लिए व अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी जिससे जल्द ही घटना का पटाक्षेप करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.अगवा किये गये दोनों बच्चों के परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हैं. ऐसे में पुलिस इसकी जांच कई और बिंदुओं पर कर रही है. जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जायेगा और कातिल पुलिस के जद में होंगे.
जांच भटकाने के लिए तो कहीं नहीं भेजा गया फिरौती का लेटर
अपहरणकर्ताओं और कातिलों ने अनुसंधान को भटकाने के लिए दो लाख की फिरोती का पत्र मृतक के परिजनों को भेजा है. शव मिलने के बाद फिरौती का लेटर मिलना कई सवाल खड़े करते हैं. परिजनों का मानना है कि किसी भी व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं है. साथ ही किसी के साथ कोई पहले से झगड़ा भी नहीं है. वहीं घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीण राधेश्याम सिंह ने बताया कि यह परिवार बहुत ही सीधा सादा है. इनका किसी से कोई लेना देना नहीं था.
बच्चों को अगवा करने में कहीं अपनों का हाथ तो नहीं? : 18 अक्तूबर को जिस वक्त बच्चों को अगवा किया गया था. उसमें अपनों के हाथ से इन्कार नहीं किया जा सकता है. पुलिस इस संबंध में आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका और उसके मित्रों से भी जानकारी लेगी. एक बात तो साफ हो गया है कि अगवा कर ले जानेवाला बच्चों को अच्छी तरह से जानता है और पहचान होने के डर से दोनों की गला दबाकर हत्या कर दी.
मृत बच्चों के घर की दूरी आंगनबाड़ी केंद्र से महज 100 गज से भी कम है. ऐसे में अगवा करना और किसी को भनक तक न लगना यह क्या दर्शाता है?
प्रतिनिधियों ने किया सीबीआई जांच की मांग : खीरी गांव में दो मासूमों की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे मुखिया रमेश ठाकुर ,धर्मेंद्र सिंह, पूर्व जिला पार्षद सोमरिया कुंवर ने पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते हुए सरकार से सहायता राशि की मांग करते हुए इस हत्या के पीछे छिपे राज को जानकारी के लिए सीबीआई जांच की मांग की है़
जवाब मांग रहे उठ रहे सवाल
सवाल नंबर एक-हत्या के दिन ही क्यों पहुंचा फिरौती का पत्र, जांच को डायवर्ट करने के लिए तो नहीं
सवाल नंबर दो-बच्चों की हत्या में कहीं अपनों का तो हाथ नहीं
सवाल नंबर तीन-गांव से अपहरण पर पुलिस को है शक
सवाल नंबर चार-गांव में मानसिक लोगों पर पुलिस की नजर
सवाल नंबर पांच-बच्चों के साथ कहीं यौनाचार तो नहीं हुआ है
सवाल नंबर छह-किससे से थी पुरानी रंजिश