29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में दो हजार से ज्यादा है आइटीआइ शिक्षकों की जरूत, मगर इस कारण से नहीं मिलेगी एक भी बिहारी को नौकरी

बिहार के सरकारी आइटीआइ में बिहार के छात्र शिक्षक नहीं बन पायेंगे. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर नियुक्ति में सीआइटीएस प्रशिक्षण को अनिवार्य किया गया है, लेकिन बिहार में इस प्रशिक्षण के लिए मात्र एक संस्थान है. जहां सिर्फ महिलाओं का प्रशिक्षण होता है.

बिहार के सरकारी आइटीआइ में बिहार के छात्र शिक्षक नहीं बन पायेंगे. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर नियुक्ति में सीआइटीएस प्रशिक्षण को अनिवार्य किया गया है, लेकिन बिहार में इस प्रशिक्षण के लिए मात्र एक संस्थान है. जहां सिर्फ महिलाओं का प्रशिक्षण होता है. ऐसे में जब दो हजार पदों पर अनुदेशकों की बहाली प्रक्रिया शुरू होगी , तो इस बहाली में नये नियम के कारण बिहार के छात्रों को परेशानी होगी.

Also Read: बिहार में सरकारी नौकरी की बहार, सीएम ने कई विभागों में बड़ी संख्या में बहाली को दी स्वीकृति, जानें डिटेल

यह है आइटीआइ और शिक्षक नियुक्ति का हाल

राज्यभर के सरकारी आइटीआइ का विकसित भवन अब भी नहीं है. वहीं, निजी आइटीआइ मात्र एक से दो कमरे में चल रहा है. श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा में यह बात कई बार आयी है कि निजी आइटीआइ में 60 प्रतिशत तक और सरकारी आइटीआइ में 30 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है. बावजूद इसके पिछले दो वर्षों से दो हजार से अधिक पदों पर शिक्षक नियुक्त का मामला अधर में लटका पड़ा है. इस कारण से छात्रों के पठन-पाठन में कठिनाइयां होती है.

Also Read: बिहार में पानी की समस्या होगी दूर, जानें क्या है राज्य सरकार का वॉटर विजन @ 2047

आइटीआइ में रिक्त पड़े हैं दो हजार अनुदेशकों का पद

सरकारी आइटीआइ में अनुदेशकों का स्वीकृत पद 2476 है. इन रिक्त पदों के विरुद्ध अभी 440 स्थायी व संविदा पर अनुदेशक बहाल है. 1222 गेस्ट फेकेल्टी नियुक्त हैं. आइटीआइ में 40 तरह के ट्रेड हैं. इनमें से कई ट्रेड ऐसे है. जहां छात्र नामांकन नहीं लेते हैं. सीटें खाली रह जाती है. जिस ट्रेड में भीड़ अधिक है. उसमें शिक्षक नहीं हैं.

बिहार में आइटीआइ

– प्राइवेट : 1062

– सरकारी : 149

आइटीआइ में छात्रों की संख्या

प्राइवेट : एक लाख दो हजार

सरकारी : 27000 से अधिक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें