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बिहार में इन चेहरों का फिर से MLC बनना तय, विधान परिषद की एक दर्जन खाली सीटों पर होगा चुनाव..

बिहार विधान परिषद की खाली हो रही सीटों पर फिर एकबार चुनाव होना है. इस बार कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो वापस चुने जाएंगे.

बिहार विधानमंडल के दोनों सदन विधान परिषद और विधान सभा में एक-एक सीटें खाली हो गयी है. इन दोनों सीटों के लिए जल्द ही चुनाव कराये जायेंगे. इसी महीने विधान परिषद की एकऔर सीट भी खाली हो जायेंगी. पूर्व मंत्री व जदयू नेता संजय कुमार झा का मौजूदा कार्यकाल छह मई को समाप्त होगा. लेकिन,इसके पहले वे 20 फरवरी को राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्विरोध चुन लिये जायेंगे. ऐसे में विधान परिषद की वर्तमान सीट छोड़नी होगी.

सीएम नीतीश व राबड़ी देवी की भी सीटें होंगी खाली

वहीं मई के पहले सप्ताह में विधान परिषद की 10 सीटें और भी रिक्त हो जायेंगी. इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विरोधी दल की नेता पूर्व सीएम राबड़ी देवी की सीट भी शमिल है. विधान परिषद के सदस्य के रूप में उनका मौजूदा कार्यकाल छह मई को समाप्त हो जायेगा.इनमें भाजपा के तीन, जदयू के चार, राजद के दो,कांग्रेस और हम के एक-एक सदस्य हैं.

अप्रैल में चुनाव की संभावना

विधान परिषद के मौजूदा 10 सदस्यों का छह मई को कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. इसके लिए उम्मीद है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में चुनाव करा लिये जायेंगे. जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है,उनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी, विप के उप सभापति डा रामचंद्र पूर्वे, भाजपा के मंगल पांडेय,सैयद शाहनवाज हुसेन और संजय पासवान, जदयू के खिलद अनवर,रामेश्वर महतो, कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा और हम के संतोष सुमन के नाम हैं.

सीएम,राबड़ी और संतोष सुमन का फिर से चुना जाना तय

अप्रैल महीने में होने वाले विधान परिषद के द्वि वार्षिक चुनाव मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विप में विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी और राज्य सरकार में मंत्री संतोष सुमन का चुना जाना तय है. इनमें मंत्री संतोष सुमन की जीत के लिए एनडीए के सहयोगी दलों के विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

एक सीट के लिए 21 विधायकों के समर्थन की है जरूरत

विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत होगी.विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से एनडीए आसानी से छह सीटों पर जीत हासिल कर लेगा. वहीं विपक्ष को पांचसीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की दरकार होगी.

यह है विधानसभा का संख्या बल

विधानसभा में अब 78 विधायकों वाली भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है. राजद के 79 विधायकों में से तीन ने जदयू खेमें में आ गये है.ऐसे में राजद के अब 76 विधायक रह गये हैं. जदयू के 45, हम के चार, कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, माकपा और भाकपा के चार तथा एक निर्दलीय व एएमआइएएम के एक विधायक हैं. भाकपा मनोज मंजिल की सदस्यता समाप्त हो गयी है.

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