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बिहार में शराबबंदी होगी और सख्त, तस्करों के खिलाफ नीतीश सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान

बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने और शराब तस्करी के अवैध नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सरकार ने एक खास इकाई का गठन किया है. यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय सह एसटीएफ) कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को दी. एडीजी ने बताया कि इस विशेष इकाई का एटीएस (एंटी टेरोरिस्ट स्कॉयड) की तर्ज पर अपना विशेष थाना होगा.

बिहार में शराबबंदी को और सख्त बनाने और तस्करों पर नकेल कसने के लिए नीतीश सरकार ने कमर कस लिया है. गुरुवार को शराब तस्करी के अवैध नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए एक खास इकाई गठित की गई है. इसका नाम ‘मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो’ रखा गया है. गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति प्रदान करते हुए इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है.

ADG कुंदन कृष्णन ने दी जानकारी 

इस ब्यूरो का गठन पहले से पुलिस मुख्यालय स्तर पर कार्यरत मद्यनिषेध इकाई और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की मद्यनिषेध इकाई को समेकित रूप से समाहित करते हुए किया गया है. यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय सह एसटीएफ) कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. 

इसका होगा अपना विशेष थाना: ADG 

एडीजी ने कहा कि इस विशेष इकाई का एटीएस (एंटी टेरोरिस्ट स्कॉयड) की तर्ज पर अपना विशेष थाना होगा, जिसका कार्यक्षेत्र पूरा राज्य होगा. इस इकाई के लिए 329 पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें मद्यनिषेध इकाई में पहले से स्वीकृत 229 पदों को हस्तानांतरित करते हुए 100 अतिरिक्त पदों को स्वीकृत किया गया है. इसके नेतृत्व का जिम्मा एडीजी या आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे. इसका एक पद होगा. इसके अलावा एसपी रैंक के दो पद होंगे, जिसमें एक पद मद्य निषेध और दूसरा पद एसपी (नारकोटिक्स) के होंगे. इसके अलावा डीएसपी के 18, इंस्पेक्टर के 48 और दारोगा के 50 पद शामिल हैं. वहीं, सिपाही के पद भी होंगे. 

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शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना है मकसद: कुंदन कृष्णन

इस मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के गठन के पीछे मुख्य मकसद राज्य में मादक पदार्थों और शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करना है. चरस, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों, स्वापक औषधियों के साथ ही सभी तरह के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित मामलों का निपटारा इसके तहत किया जाएगा. सभी प्रकार के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित मामलों का निपटारा करने में इसका विशेषाधिकार होगा. हाल में चरस एवं गांजा के नेटवर्क को खंगालने पर इसके तार नेपाल और राजस्थान से मिले हैं. वहां के भी कई लोग रडार पर हैं. इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के साथ ही दूसरे शहरों या देशों में इस नेटवर्क में शामिल तमाम अपराधियों को दबोचने में यह इकाई बेहद कारगर साबित होगी. 

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 STF ने अप्रैल से अगस्त तक की इतनी कार्रवाई

एसटीएफ ने इस वर्ष 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक नशा के कारोबार के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई की है. इसके तहत 7.50 लाख रुपये का 765.42 किलोग्राम स्मैक, 17 लाख रुपये का 8.50 किलो अफीम, 3 करोड़ रुपये का 3.154 किलो हेरोईन के अतिरिक्त 375 किलो डोडा, 3.500 किलो गांजा के अलावा 12 लाख 93 हजार रुपये से अधिक नगद, 37 मोबाइल और 9 वाहन जब्त किए गए हैं. इस कार्रवाई में 51 तस्करों की भी गिरफ्तारी हुई है.

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Prashant Tiwari
Prashant Tiwari
प्रशांत तिवारी डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी से करके राजस्थान पत्रिका होते हुए फिलहाल प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम तक पहुंचे हैं, देश और राज्य की राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही अभी पत्रकारिता की बारीकियों को सीखने में जुटे हुए हैं.

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