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बिहार: नौकरी दिलाने के नाम पर नशीली दवा देकर आठ नाबालिग के साथ रोज होता था दुष्कर्म, कहानी सुन कांप गयी पुलिस

बिहार के पूर्वी चंपारण के रक्सौल में नौकरी दिलाने के नाम पर नशीली दवा देकर नाबालिगों का यौन शोषण हो रहा था. पुलिस ने वहां से आठ लड़कियों को मुक्त कराया है. साथ ही महिला सहित दो को रक्सौल पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा है, लेकिन मुख्य आरोपित फरार है.

बिहार के पूर्वी चंपारण के रक्सौल में नौकरी दिलाने के नाम पर नशीली दवा देकर नाबालिगों का यौन शोषण हो रहा था. पुलिस ने वहां से आठ लड़कियों को मुक्त कराया है. साथ ही महिला सहित दो को रक्सौल पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा है, लेकिन मुख्य आरोपित फरार है. रेल एसपी मुजफ्फरपुर डॉ कुमार आशीष ने बताया कि सद्भावना एक्सप्रेस से पकड़े बच्चों के परिजनों को जानकारी दे दी गयी है. महिला हेल्प लाइन से काउंसलिंग भी करायी गयी है. इसकी एक विस्तार से रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गयी है. आगे मुख्यालय और मोतिहारी पुलिस कार्रवाई कर रही है.

रोजगार की तलाश में फंसी लड़कियां

रेल एसपी के सूचना पर जीआरपी ने रक्सौल-आनंद विहार जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस से 12 युवतियों और नौ युवक को उतारा था. इसमें एक-एक लड़का व लड़की नाबालिग थे. पूछताछ में पता चला कि नौकरी दिलाने के नाम पर बच्चियों का यौन शोषण किया जा रहा था. रक्सौल से भागी लड़कियों में अधिकांश झारखंड की हैं. सभी 16 से 26 वर्ष के बीच की हैं. सभी निम्न वर्गीय परिवार से आती हैं. रोजगार की तलाश ने सभी को बिहार के पूर्वी चंपारण के रक्सौल तक पहुंचा दिया था.

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रक्सौल में संस्थान के कई ठिकाने शक के दायरे में

बताया जाता है कि रक्सौल में डीबीआर यूनिक प्राइवेट लिमिटेड के कई ब्रांच हैं, जहां कंप्यूटर कोर्स के साथ आयुर्वेदिक दवा की मार्केटिंग करने का प्रशिक्षण दिया जाता है. इससे बिहार-झारखंड और बंगाल के 12 सौ से अधिक युवक-युवती जुड़े हैं. फिलहाल सभी फरार बताये जा रहे हैं. इनका मोबाइल भी बंद है.

झारखंड की महिला ने की थी महिला हेल्प लाइन को शिकायत

बताया जाता है कि झारखंड के दुमका की रहने वाली एक महिला की बेटी वहां फंसी थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, नशीली दवा खिलाकर उसके साथ यौन शोषण किया जाता था. उसने पटना स्थित महिला हेल्प लाइन को इसकी सूचना दी. साथ ही बताया कि उनकी बेटी फिलहाल फंसी है और कुछ लड़का-लड़की सद्भावना एक्सप्रेस से रातोंरात भागे हैं. इसके बाद रेल एसपी मुजफ्फरपुर को सूचना दी गयी.

महिला को मिथिला से जईदस्ती भेज दिया गया

महिला ने प्राथमिकी में बताया है कि उनकी बेटी अपनी एक स्कूल की सहेली के माध्यम से वहां तक पहुंची थी. तीन हजार रुपये देकर उसमें नामांकन कराया था. फिर उन्हें संस्थान के लोगों ने जबर्दस्ती मिथिला एक्सप्रेस में बैठा कर घर भेज दिया. इसके बाद दो दिनों तक उन्हें अपनी बेटी के साथ बातचीत हुई. इसके बाद बात होना बंद हो गया. उसने किसी तरह एक लड़की के मोबाइल से कॉल कर परिजनों को पूरी हकीकत से अवगत कराया. इसके बाद उसकी मां एसएसबी और अन्य संस्थानों की मदद से रक्सौल थाना में संस्थान के संचालक और अन्य को आरोपित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी.

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