Bihar crime news: शहर की दीवारों या फिर ट्रेन में यात्रा करने के दौरान नौकरी से जुड़े विज्ञापन तो जरूर देखा होगा. दरअसल, मामला इसी नौकरी के विज्ञापन से जुड़ा हुआ है. मामला बिहार की राजधानी पटना का है. यहां शातिर ठगों ने शहर की दीवारों पर अगरबत्ती की कंपनी में नौकरी के लिए फर्जी विज्ञापन निकाला.
विज्ञापन में हजारों रुपये प्रतिमाह सैलरी का जिक्र किया गया था. इस वजह से एक दो नहीं बल्कि लगभग एक हजारों लोग इन शातिरों के चंगुल में फंस गए. जिसके बाद शातिरों ने नौकरी करने की चाह रखने वाले बेरोजगारों से लगभग 20 लाख रुपये की ठगी कर ली.
जानकारी के मुताबिक अनीसाबाद गोलंबर के पास शातिरों ने रजनीश कंसल्टेंसी के नाम से एक दफ्तर खोला. दफ्तर में कई कर्मियों की नियुक्ती की गयी. जिनमें से ज्यादातर लड़कियां होती थी. ये शातिर लड़कियां अपने ऑफिस के बॉस के इशारे में भोले-भाले बेरोजगारों को मीठी-मीठी बातों में फंसाकर उनसे पहले पंजियन के नाम से 200 रुपये लेती थी. इसके बाद साक्षात्कार के नाम से सभी बेरोजगार युवकों से 1800-1800 रुपये लिये गये. इंटरव्यू के बाद शातिर लोग युवकों को कैपिटल लेटर में अंग्रेजी लिखने के लिए 300 पेज मुहैया करा देते थे. इसके लिए उम्मीदवारों को बाकायदा एक माह का समय भी दिया जाता था.
इधर, महीनों बीतने के बाद जब बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिली तो, किसी एक युवक ने गर्दनीबाग थाने में शिकायत दर्ज करायी. जिसके बाद जब पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो, इस ठगी कांड का खुलासा हुआ. पुलिस ने इस ठगी मामले में बीते शनिवार को छापेमारी कर 4 महिला स्टाफ समेत कुल 9 शातिरों को दबोचा है. शातिरों के पास से पुलिस ने ठगी के शिकार लोगों के प्रमाणपत्र, दस्तावेज समेत कई तरह के कागजात को बरामद किया है.
थानेदार रंजीत कुमार के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद चार महिला समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कंस्लटेंसी का कार्यालय अनिसाबाद गोलबंर के पास स्थित है. जो फर्जी है. मुख्य सरगना की पहचान भागलपुर निवासी मनीष कुमार के रूप में हुई है. जो भागने में सफल रहा. फिलहाल मामले की सघनता से जांच-पड़ताल जारी है. आरोपी मनीष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. जल्द ही मुख्य आरोपी भी सलाखों के पीछे होगा.