आरा : भोजपुर जिले में सिंचाई का संकट गहराता जा रहा है. जिसके कारण धान रोपनी का कार्य ठप पड़ गया है. वहीं किसानों की बेचैनी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारी इसके प्रति बेखबर बने हुए है. आरा मुख्य नहर को 1250 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है, जबकि दनावार से 929 क्यूसेक पानी मिल रहा है. इसके कारण कई वितरणी नहरों में एक बूंद भी पानी नहीं है.
ऐसे में सिंचाई संकट का मामला गहराते जा रहा है. इन दिनों जिले में धान रोपनी का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. ऐसे में नहरों में पानी नहीं रहने से किसानों की परेशानी बढ़ने के साथ-साथ धान के उत्पादन प्रभावित होने की संभावना भी बढ़ती जा रही है, जबकि सिंचाई विभाग का दावा है कि सभी नहरों में कमोवेश पानी उपलब्ध है और सिंचाई पर फिलहाल कोई संकट नहीं है, लेकिन जमीनी सच्चई इससे बिल्कुल अलग है.
फिलहाल असनी वितरणी नहर, चौराई वितरणी नहर, चंदवा वितरणी नहर, धनुपरा वितरणी नहर, भुसैला वितरणी नहर सहित कई वितरणी नहरों में पानी नहीं है, जिसके कारण जिले के 14 प्रखंडों में से 11 प्रखंडों में सिंचाई का संकट उत्पन्न हो गया है.
इन प्रखंडों में धान रोपनी का कार्य हुआ ठप
जिले के तरारी, पीरो और अगिआंव तथा सहार प्रखंड को छोड़ उदवंतनगर, गड़हनी, कोईलवर, संदेश, आरा,चरपोखरी, जगदीशपुर तथा बिहिया आदि प्रखंडों में नहरों में पानी के अभाव में धान रोपनी का कार्य ठप पड़ गया है.