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20 सूत्री मांगों को ले विवि में प्रदर्शन

आरा : 20 सूत्री मांगों के निष्पादन को लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने कुलसचिव कार्यालय में जमकर हो-हल्ला व हंगामा मचाया. कर्मचारियों ने कट सैलेरी, वेतन भुगतान, सेवा संपुष्टि व सातवें वेतन के नोटफिकेशन सहित अन्य विषयों पर आवाज उठायी. कर्मचारी संघ अध्यक्ष चितरंजन सिंह ने वीर कुंवर सिंह […]

आरा : 20 सूत्री मांगों के निष्पादन को लेकर बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के कर्मचारियों ने कुलसचिव कार्यालय में जमकर हो-हल्ला व हंगामा मचाया. कर्मचारियों ने कट सैलेरी, वेतन भुगतान, सेवा संपुष्टि व सातवें वेतन के नोटफिकेशन सहित अन्य विषयों पर आवाज उठायी.

कर्मचारी संघ अध्यक्ष चितरंजन सिंह ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं करेगा तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. 25 जून को आयोजित होनेवाले पांचवें दीक्षांत समारोह का चारों जिलों के कर्मचारी काला झंडा दिखाकर विरोध करेंगे.
अध्यक्ष ने बताया कि तीन अप्रैल, 18 को कुलसचिव के साथ हुए समझौते के दौरान कहा गया था कि कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा कर दिया जायेगा लेकिन आज तक विश्वविद्यालय के द्वारा कट सैलरी का भुगतान नहीं किया गया और न ही सेवा संपुष्टि व वेतन के भुगतान पर कोई विचार किया गया. सातवें वेतन का नोटिफिकेशन भी विवि द्वारा जारी नहीं किया गया.
चार माह से अधिक का समय गुजर गया लेकिन आज तक 20 सूत्री मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उन्होंने विवि प्रशासन से सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि विश्वविद्यालय द्वारा एक पत्र निर्गत किया गया था कि जिन कर्मचारियों का वेतन सत्यापन बिहार सरकार वेतन सत्यापन कोषांग से हो गया है अथवा हो जायेगा के बकाये का पूर्ण भुगतान कर दिया जाये.
इस संबंध में संघ यह जानना चाहता है कि क्या इस आशय का निर्देश राज्य सरकार या उच्चतम न्यायालय से प्राप्त हुआ था? क्योंकि यह राशि (61.5 करोड़) सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश से आच्छादित कर्मचारियों को ही भुगतान के लिए सरकार द्वारा राशि विमुक्त की गयी थी. मौके पर मनीष कुमार, मनोज कुमार श्रीवास्तव, जयवीर कुमार, सतीश कुमार, कंचन सिंह, भरत सिंह, रमेश कुमार व विनोद पांडेय सहित कई मौजूद थे.
तीन माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी नहीं हुआ वेतन निर्धारण व पेंशन पुनरीक्षण का कार्य : कर्मचारियों की मांगों पर विश्वविद्यालय द्वारा विचार नहीं किये जाने पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि अब विश्वविद्यालय से आरपार की लड़ाई लड़ी जायेगी. उन्होंने बताया कि कर्मचारी संघ 21 जून को एक दिवसीय उपवास पर बैठेंगे. यदि फिर भी विश्वविद्यालय कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार नहीं करेगा तो इसका प्रभाव दीक्षांत समारोह पर जरूर पड़ेगा.
उन्होंने बताया कि कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवां पुनरीक्षित वेतन व पेंशन की अधिसूचना बिहार सरकार द्वारा 6 मार्च 19 को ही निर्गत किया जा चुका है, जो कि विश्वविद्यालय को प्राप्त है. इस पत्र को विश्वविद्यालय में आये हुए तीन माह से भी अधिक का समय गुजर गया है लेकिन अभी तक वेतन निर्धारण व पेंशन पुनरीक्षण के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है.
क्या कहते हैं कुलसचिव
कर्मचारियों की जो भी समस्याएं हैं, उनका निबटारा दीक्षांत समारोह के बाद किया जायेगा. दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय की गरिमा से जुड़ा हुआ है और मुझे पूरी उम्मीद है कि कर्मचारी इसमें जरूर सहयोग करेंगे.
कर्नल श्यामानंद झा, कुलसचिव

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