आरा : वीर कुंवर सिंह विवि में छह साल से सीनेट के सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया है. विवि प्रशासन छह साल बाद चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है. अब तक ढाई दशक के इतिहास में मात्र एक बार ही चुनाव हुआ है. दूसरी बार चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो सितंबर माह तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी
और विवि के उच्च सदन सीनेट में कई नये चेहरे सदस्य के रूप में शामिल होंगे. इस दिशा में विवि प्रशासन द्वारा जोर-शोर से कार्य किया जा रहा है. बता दें कि चुनाव को लेकर कई बार शिक्षक संगठन और शिक्षकेतर कर्मचारी संगठनों द्वारा आवाज उठायी जा चुकी है. पूर्व में विवि प्रशासन द्वारा इस पर कोई पहल नहीं की गयी. वर्तमान कुलपति प्रो सैयद मुमताजुद्दीन ने इस ओर कवायद तेज की और चुनाव प्रक्रिया सितंबर माह तक पूरी करने के लिए योजना तैयार कर ली है. जल्द ही चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होगी, जिसके बाद सीनेट में नये चेहरे शामिल होंगे.
शिक्षक और कर्मचारी वर्ग से 15 सीनेट सदस्य का होगा चुनाव : बिहार राज्य विवि अधिनियम के तहत सीनेट सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव का प्रावधान है. विवि अधिनियम 1976 के सेक्शन 18 (16) के तहत सीनेट सदस्य के रूप में 15 शिक्षक और कर्मचारी प्रतिनिधि चुने जाने हैं.
इस चुनाव प्रक्रिया में प्राचार्य, विभागाध्यक्ष और संकायों के डीन हिस्सा नहीं ले सकते हैं. इसमें तीन ग्रुप बांटा गया है. ग्रुप ए में पीजी शिक्षक, ग्रुप बी में अंगीभूत कॉलेज के शिक्षक और ग्रुप सी में संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक शामिल हैं. यही चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. वहीं सेक्शन 18 (18) के तहत एक शिक्षकेतर कर्मचारी का चुनाव होना है. इसमें विवि और अंगीभूत कॉलेज के शिक्षकेतर कर्मचारी शामिल होंगे.
शिक्षक जो चुनाव सीनेट के लिए लड़ेंगे उनका पांच वर्ष का शिक्षक अनुभव होना जरूरी है. पीजी शिक्षक से जेनरल, एससी व एसटी कैटेगरी से एक- एक शिक्षक, अंगीभूत कॉलेज से जेनरल पांच, ओबीसी दो, एससी एक एवं एसटी एक तथा संबद्ध कॉलेज से जेनरल व ओबीसी कैटेगरी के एक- एक शिक्षक का चुनाव होना है.
सीनेट सदस्य करते हैं सिंडिकेट सदस्य का चुनाव : सीनेट में चुने गये सदस्य ही सिंडिकेट सदस्य का चुनाव करते हैं. प्रोफेसर, रीडर श्रेणी के जेनरल व ओबीसी कोटे से एक- एक, दो लेक्चरर जेनरल से व एससी-एसटी कोटे से एक सदस्य चुनाव मैदान में किस्मत अाजमाते हैं. सीनेट से कुल चार सदस्यों का ही चुनाव सिंडिकेट के लिए होता है. कुल चार ही चुनावी मैदान में उतर सकते हैं और इसमें वोटिंग पूर्व से मनोनीत सदस्य करते हैं. मालूम हो कि सीनेट में जहां सदस्यों की संख्या लगभग 100 होती है, वहीं सिंडिकेट में लगभग 22 सदस्य होते हैं.
छह साल बाद विवि प्रशासन के द्वारा कराया जायेगा चुनाव
25 वर्षों में महज एक बार वर्ष 2009 में हुआ था चुनाव
पांच काे भोजपुर बंद का एलान