बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक संघ के बैनर तले शिक्षक और शिक्षिकाएं अपने हक व अधिकार की लड़ाई को लेकर सोमवार को अनशन पर बैठ गये. इस दौरान उन्होंने शिक्षा विभाग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
संघ ने जिले में कार्यरत शिक्षकों की परेशानियों को चिन्हित करते हुए शिक्षा विभाग एवं पदाधिकारियों से ठोस पहल की मांग की. बैठक में कहा गया कि बीआरसी व सीआरसी पर पदस्थापित शिक्षकों को विद्यालय भेजा जाये, क्योंकि उनका मूल उद्देश्य छात्रों को पढ़ाना है. वहीं, 2021 बैच के प्रशिक्षित शिक्षकों (1816) को सेवा पुष्टि, एसीपी, पदोन्नति आदि लाभ दिलाने का आग्रह किया गया. साथ ही कहा कि एचआरएमएस पोर्टल पर समस्याओं का हवाला देते हुए संघ ने कहा कि शिक्षकों को आवेदन के दौरान बार-बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. समाधान की दिशा में तुरंत कदम उठाने की मांग की गई.बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नारायणपुर प्रखंड में शिक्षकों का मामला जिला स्तर पर सामान्य श्रेणी में रखा जाए. साथ ही, प्रखंड में खाली लेखपाल के पद पर स्थायी नियुक्ति करने की मांग रखी गई.
संघ ने स्पष्ट किया कि यदि उठाए गए मुद्दों का शीघ्र समाधान नहीं होता है तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी लगातार शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. विभाग ने बिना किसी गलती के 15 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है, जबकि कई शिक्षकों का वेतन महीनों से लंबित है. इससे शिक्षकों में गहरा रोष और असंतोष है.अनशन के दौरान शिक्षक-शिक्षिकाएं मां दुर्गा की तस्वीर अपने साथ लेकर बैठे. उनका कहना था कि यह संघर्ष भी नारी शक्ति और न्याय की लड़ाई है. धरने पर प्रधान शिक्षक सुप्रिया सिंह, रवि कुमार चौधरी, अखिलेश कुमार,दिलीप कुमार शेख कृपाल,राजीव रंजन झा, अनिल राय, प्रियरंजन कुमार, चंदा सिंह,निशा कुमारी, प्रशांत कुमार अध्यक्ष, विजय कुमार सिंह, शहीद अख्तर, पवन भारती, दीपक सिंह रविकांत शास्त्री, निरोध रजक, संजय कुमार व अन्य शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

