किसी भी उद्योग की स्थापना से पहले लैंड, लेबर व कैपिटल की जरूरत होती है. आवागमन की सुविधा, प्रचूर मात्रा में जल व ऊर्जा की जरूरत होती है. कहलगांव अनुमंडल में इन संसाधनों की उपलब्धता इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने की स्थिति को अनुकूल बनाती है. अनुमंडल क्षेत्र के रामजानीपुर में बियाडा ने 1058 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से पीरपैंती में 29 हजार करोड़ की लागत से 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास किया गया है, जिससे निर्माण के दौरान 10 से 12 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. गन्ना, हरी सब्जियां, मिर्च, आम के लिए भी यह क्षेत्र प्रसिद्ध है. कृषि आधारित उद्योग भी स्थापित कर लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है. यहां मक्का की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. पीरपैंती से 20 से 25 रैक मक्का अन्य राज्यों में भेजा जाता है. मक्के पर आधारित उद्योग लगा कर यहां से पलायन रोका जा सकता है. राज्य और केंद्र के सहयोग से सड़कों का निर्माण लगभग पूरा होने के कगार पर है, जिससे अन्य राज्यों से आवागमन की सुविधा व व्यवसाय विस्तार होगा. प्राचीन विश्वविद्यालय विक्रमशिला तक पटना से हेलीकॉप्टर सेवा प्रारंभ कर पर्यटन उद्योग को गति दी जा सकती है. कहलगांव के तीन पहाड़ी को विकसित कर पर्यटकीय सुविधा विस्तार होने से काफी लोग यहां पहुंचेंगे. बिहार प्रदेश भाजपा लघु उद्योग मंच के सह-संयोजक दिलीप मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर यहां से युवाओं का पलायन रोकने व प्रस्तावित योजनाओं को तेजी लाकर क्षेत्र का पिछड़ापन दूर करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार यहां उद्योग स्थापित कर क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिला पलायन रोक सकती है और क्षेत्र का विकास भी हो सकता है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
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