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Bhagalpur : कलश स्थापना के साथ ही वासंतिक नवरात्र आज से

चैत्र शुक्ल पक्ष मंगलवार नौ अप्रैल को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) कलश स्थापना के साथ शुरू हो जायेगा. इसी के साथ ही मंगलवार से विक्रम संवत 2081 शुरू हो जायेगा.

चैत्र शुक्ल पक्ष मंगलवार नौ अप्रैल को वासंतिक नवरात्र (चैत्र नवरात्र) कलश स्थापना के साथ शुरू हो जायेगा. इसी के साथ ही मंगलवार से विक्रम संवत 2081 शुरू हो जायेगा. नवरात्र शुरू होने के साथ ही हिंदू संवत्सर के अनुसार नव वर्ष शुरू होगा. इस दिन सनातनी घर के मुख्य द्वार या छत पर ध्वज निशान भी लगायेंगे. शहर के बूढ़ानाथ मंदिर, मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी, मानिक सरकार घाट रोड स्थित कालीबाड़ी, मानिकपुर, मोहनपुर दुर्गा स्थान, कर्णगढ़ मनसकामना नाथ, तिलकामांझी चौक समेत 10 से अधिक स्थानों पर मां दुर्गा पूजा की भव्य तैयारी की गयी है. इस दौरान कहीं बांग्ला विधि से तो कहीं वैदिक विधि-विधान से पूजन होगा तो कहीं दुर्गा सप्तशती के पाठ गूंजेंगे. प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन बूढ़ानाथ मंदिर में प्रात: कलश स्थापना के साथ ही हर रोज दुर्गा सप्तशती पाठ होना शुरू हो जायेगा. दुर्गाबाड़ी एवं कालीबाड़ी में बांग्ला विधि-विधान से पूजा होगी. मानिकपुर दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष हरिशंकर सहाय ने बताया कि नौ अप्रैल को कलश स्थापना के साथ ही पूजा शुरू होगी. 16 अप्रैल को महाष्टमी पूजा होगी. इस दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक आयोजन होगा. 17 को रामनवमी पर अखंड संकीर्तन का शुभारंभ होगा. विजयादशमी पर 18 अप्रैल को जागरण का होगा. 19 को प्रतिमा विसर्जन के बाद भंडारा होगा. तिलकामांझी चौक समीप महावीर मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. पंडित आनंद झा ने बताया कि छठी पूजा पर मां दुर्गा की प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जायेगी.अष्टमी, नवमी व दशमी को महाभोग लगेगा. कालीबाड़ी के महासचिव विलास बागची ने बताया कि 13 अप्रैल को पंचमी तिथि पर प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जायेगी. 14 को छठी पूजा होगी. 15 को सप्तमी पर सैकड़ों हांडी भोग लगाया जायेगा. अष्टमी व नवमी पर हांडी भोग लगेगा. सप्तमी पर खिचड़ी, अष्टमी पर पुलाव व नवमी को खिचड़ी का भोग लगेगा. दुर्गाबाड़ी पूजा कमेटी के सचिव सुजय सर्वाधिकारी ने बताया कि 14 अप्रैल को पूजा शुरू होगी. 18 अप्रैल को प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.

अश्व पर होगा मां का आगमन

पंडित आनंद मिश्रा ने बताया कि मां का आगमन अश्व (घोड़ा) पर हो रहा है. मां दुर्गा का प्रस्थान मनुष्य के ऊपर सवार होकर है. जो सुख और शांति बढ़ाने वाली है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आठ अप्रैल रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन नौ अप्रैल को रात्रि 09 बजकर 44 मिनट पर इसका समापन होगा. पंडित अंजनी शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि को रामनवमी मनायी जायेगी. हनुमत ध्वजादान, रामावतार, त्रिशूलिनी पूजा होगी. 18 अप्रैल को विजयादशमी, अपराजिता पूजन, देवी विसर्जन और नवरात्र व्रत का पारण होगा.

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