बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण किया गया. इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के महिला वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कुल 200 सिंदूर के पौधे लगाए गए, जो प्रकृति संस्कृति एवं नारी शक्ति के गहरे संबंध का प्रतीक है. सिंदूर का पौधा भारतीय परंपरा में सांस्कृतिक व औषधि दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला अधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी एवं उनकी पत्नी डॉ कुमारी रजनी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस अवसर पर केंद्रीय पुस्तकालय के पीछे भी सिंदूर के पौधे लगाये गये. यह अभियान ना केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक कदम है बल्कि यह शिक्षण समुदाय और समाज में पर्यावरण के प्रति जागृत करता है. मौके पर कुलपति डॉ डीआर सिंह ने कहा कि एक वृक्ष लगाना केवल पर्यावरण की जिम्मेदारी नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों से किया गया एक वादा है. हमारी महिला वैज्ञानिकों द्वारा यह पहल परंपरा और विज्ञान के सामंजस्य की एक प्रेरणादायक मिशाल है. कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ श्वेता शांभवी निदेशक छात्र कल्याण बीएयू के नेतृत्व में हुआ. मीडिया कवरेज की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार ने निभाई एवं पर्यावरण के प्रति सभी जन समुदाय में जागरूकता लाने की पहल की गई.
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