दीपक राव, भागलपुर
विनायक उमा उमेश इंटरटेनमेंट के बैनर तले भागलपुर के रहने वाले अधिवक्ता उमेश प्रसाद शर्मा उमेश के निर्देशन में सुता-सुभद्रा हिंदी फिल्म तैयार कर ली गयी है. यह फिल्म दहेज उन्मूलन व नारी सशक्तीकरण पर आधारित है, जो कि 2 घंटे 49 मिनट की है. फिल्म में अभिनेता की भूमिका सुभाष प्रिंस ने, तो अभिनेत्री की भूमिका कुमारी रचना ने निभायी है. निर्माता अधिवक्ता उमेश प्रसाद शर्मा उमेश ने बताया कि इस फिल्म में खुद विलेन की भूमिका की है, तो हीरोइन के पिता की भूमिका वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ जयंत जलद एवं उनकी दिवंगत मां उर्मिला उर्मिलक्ष्मी ने मंजी हुई भूमिका की. गोरखपुर फिल्मसिटी से अनुभव ले चुके कैमरामैन कुमार विवेकानंद मोनू, गायक पंकज, गायिका शकुंतला व उर्मिला का विशेष योगदान रहा है. फिल्म की सफलता में राजीव कुमार, वैद्य देवेंद्र कुमार गुप्त का रहा है. फिल्म की शूटिंग भागलपुर के सिकंदरपुर, खलीफाबाग, बरारी आदि में हुई है.
राणी सती दादी की जीवनी पर आधारित है फिल्म मोटी सेठानी
श्री दादी जी सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल खेतान ने बताया कि राणी सती दादी जी की जीवनी व मंगलपाठ उत्सव पर आधारित फिल्म मोटी सेठानी है. यह फिल्म दोपहर 12 बजे खरमनचक स्थित कॉर्नफ्लेक्स सिनेमा हॉल में प्रदर्शन शुरू होगा. 21 से 27 मार्च तक रोजाना चार शो में दिखायी जायेगी. भागलपुर के दादी भक्तों के लिए सौभाग्य की बात है कि लगातार सात दिनों तक यह फिल्म प्रदर्शित होगी.
फिल्म ””””””””डॉ बेटियां”””””””” की विशेष स्क्रीनिंग 24 को एफएम सिनेप्लेक्स में समाज में बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण का संदेश देने वाली प्रेरणादायक फिल्म ””””””””डॉक्टर बेटियां”””””””” की विशेष स्क्रीनिंग 24 मार्च को एफएम सिनेप्लेक्स में आयोजित की जा रही है. इसके बाद फिल्म को अन्य सिनेमा घरों में भी प्रदर्शित की जायेगी. इस विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन जीवन जागृति सोसाइटी द्वारा किया गया है. फिल्म डॉक्टर बेटियां समाज की उन सच्चाई को उजागर करती है, जहां बेटियों को डॉक्टर बनने के लिए कई संघर्षों का सामना करना पड़ता है. फिल्म के लेखक और निर्देशक सोमेश यादव भागलपुर के युवा सामाजिक कार्यकर्ता हैं.डॉक्टर बेटियां सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है. हम चाहते हैं कि समाज बेटियों को उनकी योग्यताओं के आधार पर पहचान दे, न कि किसी परंपरागत सोच के आधार पर. यह फिल्म हर उस बेटी की आवाज है, जो अपने सपनों के लिए संघर्ष कर रही है. सोमेश यादव ने बताया कि फिल्म के संगीत को एक विदेशी संगीतकार स्टेलियन पापकास्मिडिस ने किया है, जिन्होंने अपनी बेहतरीन धुनों से फिल्म के हर भाव को गहराई से उभारा है. इसके साथ फिल्म की मिक्सिंग और मास्टरिंग ग्रीस की एक प्रतिष्ठित कंपनी मेजर म्यूजिक हाउस में की गई है, जिससे इसके साउंड क्वालिटी को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुसार तैयार किया गया है. फिल्म के प्रोड्यूसर बिट्टू यादव ने बताया कि यह फिल्म समाज में बेटियों की शिक्षा और उनके हक के प्रति जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, यह फिल्म समाज के प्रत्येक तबके को देखना चाहिए.
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