सबौर
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने इको तसर सिल्क प्राइवेट लिमिटेड नयी दिल्ली के साथ एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. यह सहयोग अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देकर बिहार के रेशम उद्योग को आधुनिक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह समझौता बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ एके सिंह और इको तसर सिल्क के प्रबंध निदेशक खितिश पंड्या द्वारा हस्ताक्षरित किया गया. इस मौके पर किशनगंज के डीकेएससी के प्राचार्य डॉ बी सत्यनारायण भी उपस्थित थे.
साझेदारी के मुख्य क्षेत्र में छात्रों, शोधकर्ताओं और किसानों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम, क्षमता निर्माण कार्यशालाएं और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर रेशम उत्पादन में नवीनतम तकनीकों का ज्ञान दिया जायेगा. रेशम उत्पादन की दक्षता, गुणवत्ता और स्थिरता बढ़ाने के लिए नये उपकरण, मशीनरी और प्रसंस्करण तकनीकों का विकास किया जायेगा. बाजार का विस्तार और उद्योग संवर्धन किया जायेगा. इससे किसानों और कारीगरों को अधिक बाजार अवसर और आर्थिक लाभ मिल सकेगा.
अनुसंधान निदेशक बोले
बीएयू के अनुसंधान निदेशक डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि नवाचार और स्थिरता इस समझौते की आधारशिला हैं. पारंपरिक विधियों को अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़कर हम बिहार के रेशम उद्योग को पुनर्परिभाषित करने और सभी हितधारकों के लिए दीर्घकालिक समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.इको तसर सिल्क के एमडी ने कहा
इको तसर सिल्क प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक खितिश पंड्या ने कहा कि यह साझेदारी बिहार के रेशम उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर है. हम आधुनिक तकनीकों को पारंपरिक रेशम उत्पादन प्रक्रियाओं में शामिल करके इसे अधिक लाभदायक और सतत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है