= वक्ताओं ने कहा, टीएमबीयू को बर्बादी की ओर धकेलने का जिम्मेदार हैं कुलपति
संवाददाता, भागलपुर
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पेंशनरों ने शनिवार को कुलपति प्रो जवाहर लाल पर तीन वर्ष तक किये गये कथित अत्याचार और समझौते पर वादाखिलाफी के विरोध में जोरदार धरना प्रदर्शन किया. आक्रोशित पेंशनरों ने कुलपति के बंद पड़े कार्यालय वेश्म के सामने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. इस आंदोलन में तीन दर्जन से अधिक पेंशनर शामिल हुए. धरना में संघर्ष मंच के संयोजक पवन कुमार सिंह, सह संयोजक अमरेंद्र कुमार झा के साथ किशन कालजयी, अर्जुन प्रसाद, डी.एन. सिंह, तपन घोष, शैलेश्वर प्रसाद, बीएन. सिंह, चंद्रेश, कामिनी दुबे, आरएस प्रसाद, संजय झा, एसके जिलोका, आशुतोष राजेश, विभाष झा, सुधांशु झा, गीता सिंह, गंगाधर चौधरी, अर्जुन यादव, अजय शर्मा आदि मौजूद रहे. वहीं इस आंदोलन को समर्थन देने सिंडिकेट सदस्य डॉ केके मंडल और डॉ निर्लेश कुमार भी धरनास्थल पर पहुंचे.
अन्यत्र धरना करने के प्रस्ताव को ठुकराया
दोपहर बाद प्रॉक्टर प्रो एसडी झा ने पेंशनरों से कुलपति कक्ष से हटकर अन्यत्र धरना देने का आग्रह किया, लेकिन उपस्थित पेंशनरों ने इसे सामूहिक रूप से अस्वीकार कर दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कुलपति प्रो जवाहर लाल में यदि थोड़ी भी मानवीयता बची है तो उन्हें धरनास्थल पर आकर अपने कर्मों के लिए पेंशनरों से क्षमा मांगनी चाहिए. धरना के दौरान डॉ केके मंडल और प्रॉक्टर प्रो एसडी झा के बीच झड़प भी हुई. डॉ मंडल ने कहा कि शुक्र है वरिष्ठ लोगों की नज़र में अभी भी कुलपति कक्ष की मर्यादा बची हुई है, इसी कारण वे यहां बैठे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने पूरे कार्यकाल में कुलपति दस दिन भी अपने चेंबर में नहीं बैठे और उन्होंने विवि की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया.डॉ निर्लेश कुमार ने कहा कि यदि कुलपति अपने आवासीय किले से बाहर आकर इस कक्ष में बैठते तो विवि का इतना नुकसान नहीं होता. अन्य वक्ताओं ने भी कुलपति के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और कहा कि विश्वविद्यालय को बर्बादी की ओर धकेलने के लिए कुलपति जिम्मेदार हैं. आंदोलनकारियों ने ऐलान किया कि धरना प्रदर्शन कल भी जारी रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

