नौ दिवसीय रामकथा के तीसरे दिन प्रयागराज के कथा वाचक स्वामी विनोदानंद सरस्वती ने कहा कि माता-पिता से बढ़ कर कोई भगवान नहीं. जीवन में सुख चाहते हो, तो माता-पिता को कभी दुख नहीं देना. जिस घर में माता-पिता दुखी होते हैं, उस घर में कभी बरक्कत नहीं होती. उस इंसान को मंदिर जाने से क्या फायदा जिस घर में उसके माता-पिता सुखी नहीं हो. जो राम का नाम लेता है, उसे किसी प्रकार का डर नहीं लगता. दुआ सबकी ले. बद्दुआ किसी की न लें. राम कथा सुनने से मन व तन दोनों पवित्र हो जाते हैं. कथा रूपी गंगा आपको तार देती है. भगवान सब जगह हैं. बस आस्था और विश्वास होनी चाहिए. कथा में उन्होंने बड़ा दुख पायों, प्रभु जी चरणों को छोड़ के बड़ा दुख पायो. प्रभु जी चले आओ दौड़ के… लेना खबर हमारी. राघव धनुषधारी बे मौत मर ना जाऊं तुमसे लगा के यारी आदि भजनों की प्रस्तुति देकर रामभक्तों को खूब झुमाया. मीडिया प्रभारी अशोक केडिया ने बताया कि यह आयोजन 49 सालों से हो रहा है . इस बार 50वां स्वर्ण जयंती धूमधाम से मनाया जा रहा है. राम कथा सुनने काफी भक्त उमड़ रहे हैं.राम कथा का आयोजन सात अप्रैल तक चलेगा. पंडित चंदन झा के आचार्यत्व में 21 विद्वानों ने नवाह पारायण संगीतमय प्रातः आठ से दोपहर 1:00 तक किया जा रहा है. आयोजन को सफल बनाने में शिव जायसवाल, दिनेश सरार्फ, बनवारी पंसारी, सरवन केडिया, अशोक केडिया, किशन यादुका, संतोष यादुका, संतोष भगत, अनिल चिरानिया, अनिल भगत, विनीत खेमका, कैलाश अग्रवाल, विशाल चिरानिया, जुगनु भगत, दयाराम चौधरी, किशन चिरानियां, शंकर चिरानियां लगे हुए हैं.
श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ रही है भीड़
चैती दुर्गा मंदिर शाहाबाद में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा वाचिका प्रियंका किशोरी ने मंगलवार को शुकदेव जी का जन्म, धुंधकारी मोक्ष, परीक्षित का जन्म बाबा भोले शंकर के विवाह का प्रसंग सुनाया. प्रवचन में काफी संख्या में भीड़ जुट रही है. मौके पर आकर्षक झांकी दिखायी गयी. आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति सदस्य व ग्रामीण लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है