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bhagalpur news. जर्जर भवन, सालों से बंद पड़ा कॉमन रूम व मेस तक की नहीं है व्यवस्था

मारवाड़ी कॉलेज में प्रवेश द्वार को भव्य जरूर बनाया है, लेकिन भैरवा तालाब के नजदीक स्थित कॉलेज का पुरुष हॉस्टल का भवन जर्जर व खंडर में तब्दील हो रहा है.

भागलपुर

मारवाड़ी कॉलेज में प्रवेश द्वार को भव्य जरूर बनाया है, लेकिन भैरवा तालाब के नजदीक स्थित कॉलेज का पुरुष हॉस्टल का भवन जर्जर व खंडर में तब्दील हो रहा है. हॉस्टल में रहने वाले छात्र दहशत में रहने को मजबूर हैं. जर्जर भवन, सालों से कॉमन रूम बंद पड़ा है. साथ ही मेस की भी व्यवस्था सालों से छात्रों को नहीं मिल रही है. कमरा व बरामदा कई जगहों से टूट-टूटकर मलवा गिर रहा है. कुछ माह पहले एक कमरा के छत का मलवा गिरने से छात्र बाल-बाल बचे थे. हॉस्टल में रहने वाले छात्रों का कहना है कि दो साल से करीब 40 से अधिक बार कॉलेज प्रशासन को आवेदन दे चुके हें, लेकिन कॉलेज प्रशासन के उदासीनता से हॉस्टल के जर्जर भवन की मरम्मत कार्य पूरा नहीं कराया गया है. आखिर छात्र अपनी शिकायत कहां करें

हॉस्टल में नहीं है व्यवस्था

चाहारदीवारी ऊंचा नहीं रहने के कारण असामाजिक तत्व हॉस्टल में करते है प्रवेश

असामाजिक तत्वों द्वारा छात्रों के साथ पूर्व में की गयी थी मारपीट

बाथरूम में नल व कुंडी तक की व्यवस्था नहीं

पर्याप्त लाइट की सुविधा नहीं

हॉस्टल में वाईफाई की सुविधा नहीं

खेलकूद सामग्री नहीं

अध्ययन के लिए टेबल, कुर्सी नहीं

साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं

हॉस्टल जाने वाले रास्ते में नाला की सफाई नहीं हाेने से बारिश के मौसम में होता है जलजमाव

हॉस्टल में 28 कमरा, 49 छात्रों का है नामांकन

बोलें छात्र :

विवि के कुलपति हॉस्टल देखकर गये है. आश्वासन दिया था कि हॉस्टल के भवन की मरम्मत करायी जायेगी, लेकिन अबतक इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया.

शिव सागर, छात्र

यूजीसी के नियम अनुसार छात्रावास में किसी भी ज्वलनशील पदार्थ (गैस) का प्रयोग करना वर्जित हैं. मेस नहीं रहने के कारण मजबूरी में छात्रों को इसका उपयोग करना पड़ रहा है.

ज्योतिष कुमार, छात्र

टीवी नहीं होने के कारण छात्र समाचार नहीं देख पाते है. रात्रि में लाइट कट जाने से रूम में अंधेरा होने के कारण पढ़ाई बाधित होती है. वैकल्पिक रूप से रोशनी की व्यवस्था नहीं की गयी है.

आदित्य कुमार राज, छात्र

हॉस्टल सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. आये दिन हॉस्टल में छत का मलवा टूट कर गिरता है. कॉलेज प्रशासन छात्रों के जिंदगी के साथ खेल रही है.

रोशन कुमार, छात्र

कोट —

हाल में ही मैं हॉस्टल अधीक्षक बना हूं. मेंने अपने पहली बैठक में हॉस्टल की समीक्षा की थी. छात्रों से इस पर सुझाव मांगा गया है. इसके मद्देनजर आवेदन तैयार कर कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य को दिया गया है. जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जायेगा.

डॉ संजय कुमार जायसवाल, अधीक्षक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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