चुनाव की घोषणा होते ही कहलगांव विस क्षेत्र में राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गयी है. संभावित प्रत्याशियों व समर्थकों की सक्रियता बढ़ गयी है. कहलगांव की इस सीट पर सियासी समीकरणों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. सत्ताधारी दल एनडीए व महागठबंधन में संभावित उम्मीदवारो की धड़कनें तेज हो गयी है. कहलगांव विस सीट से एनडीए के आधा दर्जन, तो महागठबंधन के डेढ़ दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों के समर्थक अपनी-अपनी सीट कंफर्म होने की बात सोशल मीडिया पर बता रहे हैं. कांग्रेस का कहलगांव विस क्षेत्र पर दबदबा रहा है. यहां से पूर्व विस अध्यक्ष दिवंगत नेता सदानंद सिंह वर्ष 1969 से 2015 तक आठ बार कांग्रेस व एक बार निर्दलीय कुल नौ बार विधायक रहे. अब उनके स्वर्गवास के बाद राजद अपने खाते में यह सीट लेना चाह रही है. झारखंड के एक मंत्री के पुत्र को चुनाव लड़वाना चाह रही है, जिसका पार्टी में ही विरोध होने लगा है. कांग्रेस समर्थक यह कांग्रेस की परंपरागत सीट बता छोड़ने को तैयार नहीं है. कांग्रेस के एक बड़े नेता सहित कई दावेदार हैं. एक बड़े नेता ने तो नामांकन की तारीख भी तय कर दी है. एनडीए की बात करें, तो वर्तमान के विधायक ने यहां पहली बार भाजपा को विधानसभा पंहुचाया है, लेकिन जिस कांग्रेस प्रत्याशी को उन्होंने 2020 के चुनाव में हराया था वह अब जदयू का दामन थाम मैदान में उतरने को तैयार हैं. समर्थक नीतीश कुमार के करीबी होने से इस सीट को जदयू के खाते में जाने की बात कह रहे हैं. इनके अलावा कई उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं. दोनों गठबंधन के संभावित प्रत्याशी क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. जनसुराज और एमआइएम के उम्मीदवार भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी उम्मीदवारी दिखा रहे हैं. पिछले तीन विस चुनावों का परिणाम 2010 में सदानंद सिंह, कांग्रेस -44936, कहकशां प्रवीन,जदयू 36001,अंतर- 8935 2015 में सदानंद सिंह, कांग्रेस -64981, नीरज मंडल लोजपा -43752, अंतर -21229 2020 में पवन यादव, भाजपा 115538, शुभानंद मुकेश, कांग्रेस -72645, अंतर- 42893
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

