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TMBU. चुनाव के पांच माह व प्रभारी कुलपति के 42 दिन बीत गये, नहीं हुई सिंडिकेट की बैठक

टीएमबीयू की खबर.

टीएमबीयू. विवि नियमावली में प्रत्येक माह में सिंडिकेट बैठक बुलाने का प्रावधानटीएमबीयू में करीब सात माह से सिंडिकेट की बैठक नहीं हुई है. विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल के कार्यकाल में मार्च में सिंडिकेट चुनाव हुआ है. उनके कार्यकाल के पांच माह बीत गये. फिर 23 अगस्त 2025 को मधेपुरा विवि के कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा ने टीएमबीयू में पदभार ग्रहण किया. उनके कार्यकाल के करीब 42 दिन बीत चुके हैं. लगता है विवि प्रशासन सिंडिकेट की बैठक बुलाना भूल गया है. ऐसे में सिंडिकेट चुनाव में नवनिर्वाचित सदस्यों ने बैठक नहीं बुलाये जाने पर नाराजगी जतायी है. दूसरी तरफ विवि के पूर्व अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि विवि नियमावली के तहत प्रत्येक माह में सिंडिकेट बैठक बुलाने का प्रावधान है. ताकि विवि से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों, विद्यार्थी, शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्या का निदान किया जा सके. जबकि सितंबर में ही राजभवन ने टीएमबीयू को पत्र भेजकर प्रभारी कुलपति को सभी निकायों की बैठक बुलाने के लिए मंजूरी प्रदान की है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि प्रभारी कुलपति भी सिंडिकेट की बैठक बुलाने से बच रहे हैं.

सिंडिकेट बैठक की प्रत्याशा में लिये गये कई निर्णय

विवि के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने राजभवन से अधिकार पर रोक लगाये जाने के बाद भी सिंडिकेट बैठक की प्रत्याशा में कई निर्णय लिये. विवि में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति व पोस्टिंग भी सिंडिकेट की प्रति आशा में किया गया. इसके अलावा कई ऐसे निर्णय विवि में लिये गये, जो सिंडिकेट से पारित नहीं है.

सरकार को नहीं भेजा गया विवि का बजट

बताया जा रहा है कि विवि का बजट अबतक सरकार को नहीं भेजा गया है. जबकि नवंबर तक विवि का बजट संबंधित दस्तावेज सरकार को उपलब्ध कराना होता है. लेकिन विवि में वित्त समिति की बैठक अबतक नहीं बुलायी गयी है. एफिलिएशन कमेटी, एकेडमिक काउंसिल की बैठक, पोस्ट क्रिएशन कमेटी की भी बैठक लंबे समय से नहीं की गयी है.

छात्र संगठनों के बीच हुए मारपीट को लेकर आपात बैठक बुलायी

टीएमबीयू में छात्र संगठन एबीवीपी व छात्र राजद के बीच हुई मारपीट की घटना को लेकर 26 सितंबर को विवि प्रशासन ने ऑनलाइन सिंडिकेट की बैठक बुलायी. बैठक का सिंगल एजेंडा था मारपीट के बाद विवि का संचालन कैसे हो. सिंडिकेट सदस्याें से सुझाव मांगा गया था. लेकिन दूसरे मुद्दों पर बात करने से प्रभारी कुलपति ने सदस्यों को मना कर दिया.

सिंडिकेट सदस्यों ने कहा

पूरा बेंच है क्यों नहीं बुलायी जा रही बैठक

विवि के सिंडिकेट सदस्य असिस्टेंट प्रोफेसर निर्लेश कुमार ने कहा कि करीब सात माह बीत चुका है. तत्कालीन कुलपति के जाने व प्रभारी कुलपति के पदभार ग्रहण करने से. जबकि सिंडिकेट बैठक के लिए फुल बेंच सदस्य है. विवि प्रशासन सिंडिकेट बैठक बुलाने से पीछे क्यों हट रहा है.

बैठक की प्रत्याशा में गलत निर्णय लिये गये

सिंडिकेट सदस्य डॉ केके मंडल ने कहा कि विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने बैठक की प्रत्याशा में कई गलत निर्णय लिया है. नियम के उलट जाकर काम किया है. अतिथि शिक्षक बहाली को लेकर सिंडिकेट बैठक से पारित नहीं कराया गया है. ऐसे कई चीजें है, जो गलत तरीके से किया गया हे. सिंडिकेट की बैठक होने पर उन तमाम चीजों पर चर्चा होनी चाहिए थी. ताकि विवि में चल रहे गलत कार्यों को सामने लाया जा सके. उन्होंने कहा कि विवि एक्ट के तहत प्रत्येक माह में सिंडिकेट की बैठक बुलानी है. ताकि छात्रहित, शिक्षक व कर्मचारियों की समस्या का भी निष्पादन किया जा सके.

कोट

विवि प्रशासन सिंडिकेट बैठक बुलाने को लेकर गंभीर है. इसे लेकर प्रक्रिया चल रही है. बैठक जल्द ही बुलायी जायेगी.

प्रो रामाशीष पूर्वे, रजिस्ट्रार

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