Bihar Police: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी भागलपुर ज़िला के सुल्तानगंज थाने में तैनात दारोगा आफताब आलम और बिट्टू कुमार पर 25 हजार रुपये की रिश्वत लेकर शराब तस्कर को छोड़ने का गंभीर आरोप लगा है. जांच में दोषी पाए जाने पर दोनों को लाइन हाजिर कर दिया गया और अगले 10 साल तक थानाध्यक्ष पद पर तैनाती से रोक दिया गया.
चाय दुकान पर छापा, फिर रिश्वत की कहानी
9 अगस्त को सुल्तानगंज के महेंदू इलाके में पुलिस ने एक चाय की दुकान पर छापा मारकर 120 बोतल बीयर जब्त की थी. केस दर्ज कर आफताब आलम को अनुसंधानकर्ता बनाया गया, लेकिन आरोप है कि आफताब और बिट्टू ने तस्कर को 25 हजार रुपये लेकर छोड़ दिया.
वरिष्ठ अधिकारियों की सख्त कार्रवाई
मामले की भनक लगते ही पटना सिटी एएसपी-1 राजकिशोर सिंह ने जांच की और 13 अगस्त को एसएसपी कार्तिकेय शर्मा को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में दोनों को दोषी पाए जाने के बाद बुधवार रात कड़ी कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर करने और 10 साल तक थानाध्यक्ष पद से वंचित करने का आदेश जारी हुआ.
शराबबंदी मिशन पर सवाल
बिहार में जनवरी से जुलाई के बीच 6,531 लीटर अवैध शराब जब्त हुई और 45 तस्कर गिरफ्तार हुए, लेकिन पुलिसकर्मियों पर लगे इस तरह के आरोप शराबबंदी अभियान की साख पर चोट पहुंचाते हैं. सरकार और पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कानून तोड़ने वालों पर, चाहे वे वर्दी में ही क्यों न हों, किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी.
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