भागलपुर
टीएमबीयू में संचालित कैथी लिपि कोर्स की पढ़ाई नये सत्र से बंद हो सकती है. इससे जमीन से जुड़े दस्तावेजों को पढ़ने वालों की कमी हो सकती है. बिहार का इकलौता विवि टीएमबीयू है, जहां इसकी पढ़ाई करायी जाती है. बता दें कि टीएमबीयू के पीजी मैथिली विभाग में कैथी लिपि के छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स की ऑनलाइन पढ़ाई करायी जाती है.
बताया जा रहा है कि विभाग के वर्तमान हेड इसी माह में सेवानिवृत्त हो रहे है. विवि प्रशासन के अनुमति के बाद हेड प्रो राम सेवक सिंह ऑनलाइन कैथी कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया को पूरा करते हैं. उनकी देखरेख में कोर्स संचालित किया जा रहा था. उनके सेवानिवृत्त होने के बाद यह तय नहीं हो पाया है कि कोर्स संचालित किया जायेगा, या नहीं. दूसरी तरफ कैथी लिपि की पढ़ाई कराने वाले शिक्षक जयंत कुमार सरकार अपनी सेवा दे रहे हैं. पढ़ाई कराने के लिए शिक्षक भी नहीं है.
डीयू व नेपाल से जुड़े थे छात्र
टीएमबीयू में ऑनलाइन कैथी कोर्स में नामांकन व प्रशिक्षण दिया जाता है. परीक्षा भी ऑनलाइन हाेती है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2023 में 22 छात्र-छात्राएं बेहतर अंक के साथ उत्तीर्ण हुए थे. कोर्स में नामांकन के लिए कुल 40 सीट निर्धारित है. इस कोर्स में डीयू, नेपाल सहित बिहार के अन्य जिलों से कर्मचारी, शिक्षक, छात्र व छात्राएं बड़ी संख्या में जुड़े थे. बताया जा रहा है कि कोर्स में रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपये व शुल्क 500 प्रतिमाह तय किया गया था. बीएचयू के शोधार्थी स्कॉलर प्रवीण कुमार व पटना आर्ट्स कॉलेज के शिक्षक जयंत कुमार प्रशिक्षण दे रहे थे.
—————– कोट –इसी माह में सेवानिवृत्त हो रहा हूं. कोर्स संचालन के लिए विवि से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. विवि प्रशासन को पूरे मामले की जानकारी दे दी गयी है. ऐसे में सेवानिवृत्त होने के बाद नये सत्र में नामांकन कैसे ले सकते है. विभाग के नये हेड होंगे. उनको नामांकन संबंधित नीति तय करने होंगे.
प्रो राम सेवक सिंह, हेड मैथिली विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है