– खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीन सैयद शाह फखरे आलम हसन के तीसरे साहबजादे हाफिज मुआज हुसैनी ने मुकम्मल किया हिफ्ज-ए-क़ुरानशरीफ
– जामिया सैयद अहमद शहीद में जलसा का आयोजनवरीय संवाददाता, भागलपुर
खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीन सैयद शाह फखरे आलम हसन के तीसरे साहबजादे हाफिज मुआज हुसैनी ने हिफ्ज-ए-क़ुरानशरीफ (कंठस्थ) किया है. इस अवसर पर जामिया सैयद अहमद शहीद की मस्जिद में पवित्र कुरआन स्मरण समारोह सह जलसा आयोजित किया गया. मौके पर प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान हजरत मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी ने क़ुरआन-ए-करीम: हिदायत का स्रोत विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज उम्मत-ए-मुस्लिमा की सबसे बड़ी जरूरत है कि वह क़ुरआन से अपना रिश्ता मजबूत करे. अपनी संतानों को हिफ्ज-ए-क़ुरआन की ओर प्रवृत्त करे. उन्हें कुरआन के आदेशों से परिचित करायें. कुरआन खुद कहता है कि यह किताब सीधे रास्ते की ओर मार्गदर्शन करने वाली है, जो इससे जुड़ा रहेगा, वह गुमराही से महफूज रहेगा और सीधे रास्ते पर चलेंगे.मौलाना नदवी ने कहा कि सूरह फातिहा में जो दुआ हम रोज पढ़ते हैं. उसका असली मानी और मूरत क़ुरआन-ए-मजीद ही है. इसी के माध्यम से बंदा अल्लाह की रजा व जन्नत की राह पर चलता है. जब उम्मत फिर से कुरआन और सुन्नत को मजबूती से थाम लेगी, तो अल्लाह तआला उसे फिर से इज्जत व बुलंदी बख्शेगा. सज्जादानशीन सैयद शाह फखरे आलम हसन ने अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए अपने साहबजादे हाफिज व कारी मुआज हुसैनी के हक में दुआ की, अल्लाह तआला उन्हें कुरआन से सच्चा रिश्ता अता करे. इसके आदेशों पर अमल की तौफीक दे. कुरआनी इल्म को फैलाने का जरिया बनाये. उन्होंने दुआ की, अल्लाह हमारी संतानों, हमारे खानदान के सभी अफराद और हम सब से दीन की सेवा का काम ले. मौके पर खानकाह के सदस्य, जामिया के शिक्षक, छात्र व बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
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