प्रभात पड़ताल
– मेंटेनेंस में लापरवाही, विभाग की चुप्पी और उदासीनता पर उठ रहे सवाल- पहले से गड्ढों में तब्दील कई सड़कों की हालत तो है ही खराब, अच्छी सड़कें भी टूटने लगी है= एक ही एजेंसी को मरम्मत का बार-बार मिल रहा ठेका, न ठेकेदार काम कर रहा, न विभाग काम ले पा रहा
ब्रजेश , भागलपुर
स्मार्ट सिटी भागलपुर की सड़कें लगातार जर्जर होती जा रही है. पहले से गड्ढों में तब्दील कई सड़कों की हालत तो खराब है ही, अब वे सड़कें भी टूटने लगी हैं जिन्हें कुछ समय पहले तक अच्छी स्थिति में मानी जाती थी. स्थानीय लोग कह रहे हैं कि स्मार्ट सिटी की सड़कों में गड्ढों का जाल बन गया है, जिससे सफर बेहाल होते जा रहा है. सड़कें टूटने लगी है. विभाग और ठेका एजेंसी ने इसे नजरअंदाज कर दिया है. जबकि निर्माण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी पिछले एक दशक से एक ही कांट्रैक्टर को सौंपी गयी है.पथ निर्माण विभाग ने उस एजेंसी को लंबे समय तक काम का जिम्मा दिया, लेकिन अब न तो ठेका एजेंसी सड़क मरम्मत कर रही है और न ही विभाग उससे काम ले पा रहा है.कांट्रैक्ट की अवधि अभी डेढ़ से दो साल शेष है, लेकिन एजेंसी और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर की अधिकांश सड़कों पर यातायात प्रभावित हो रहा है. बरसात के दिनों में सड़क के गड्ढों में पानी भरने से लोगों का चलना और भी मुश्किल हो गया है. हादसों का खतरा भी बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि जब हर बार सड़क का निर्माण और रखरखाव एक ही एजेंसी को दिया जायेगा, तो जवाबदेही खत्म हो जाती है. विभाग को चाहिए कि या तो एजेंसी पर कार्रवाई करे या फिर नये ठेकेदार को जिम्मेदारी सौंपे. फिलहाल ठेका प्रेम में शहर की सड़कों का हाल दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है.
डीएम आवास के पास पाइप लिकेज दुरुस्त कर मिट्टी भर कर छोड़ा अधूरा
डीएम आवास के पास पाइपलाइन का लिकेज दुरुस्त तो कर दिया गया, लेकिन मरम्मत के बाद सिर्फ मिट्टी भरकर छोड़ दिया गया. लगातार बारिश से यह मिट्टी धंस गयी और वहां गहरा गड्ढा फिर से उभर आया है. इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गयी है. गड्ढे से बचने की कोशिश में वाहन अक्सर अनियंत्रित हो रहे हैं, जिसके कारण जाम लगना आम बात हो गयी है. सबसे ज्यादा खतरा स्कूली वाहनों को है, क्योंकि बच्चों से भरी गाड़ियां यहां से रोज गुजरती है.
एसएसपी आवास के सामने मुश्किल हो रहा गड्ढों से बच कर निकलना
एसएपी आवास के ठीक सामने से लेकर ट्रैफिक सिग्नल तक इतने गड्ढे हैं कि उससे बच कर निकलना मुश्किल होता जा रहा है. यह सड़क भी आरसीडी की है और वह बेफिक्र है. गनीमत है कि अभी कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है लेकिन, जिस तरह से गड्ढों का आकार बढ़ रहा है, उससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो सकती है.राधा रानी सिन्हा रोड : मेंटेनेंस नहीं कर पैसे बचा रही ठेका एजेंसी
राधा रानी सिन्हा रोड का निर्माण स्मार्ट सिटी लिमिटेड से कराया गया है, लेकिन सड़क बनने के कुछ ही महीनों में यह जर्जर हो गयी. जिस तरह पहले बनी सड़क जल्दी टूट गयी थी, उसी तरह स्मार्ट सिटी से बनी यह सड़क भी जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सड़क स्मार्ट सिटी परियोजना से बनी है तो इसका स्टैंडर्ड और गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए थी. टिकाऊपन इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए थी, अन्यथा यह निर्माण स्मार्ट सिटी परियोजना से कराने का कोई औचित्य नहीं था.आदमपुर चौक के नजदीक गड्ढे में पीसीसी सड़क, बेफिक्र आरसीडी
आदमपुर चौक के नजदीक सीएमएस हाई स्कूल के सामने सड़क गड्ढों में तब्दील है. चार महीने से लोग खुद को बचा कर चल रहे हैं. बावजूद आरसीडी बेफिक्र है. दरअसल, पाइप लिकेज के कारण सड़क बीच में धंस गयी है. यह लंबे समय तक ऐसे ही पड़ा रहा है और पानी बहता रहा. आरसीडी, बुडको और नगर निगम के बीच मामला फंसा रहा. आखिरकार कुछ दिनों पहले निगम ने लिकेज ठीक करने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा. लिकेज दुरुस्त करने में फेल साबित हुआ. पानी बहना जारी है.कोट
डीएम आवास के सामने बने गड्ढे की मरम्मत के लिए निगम को पत्र भेजा गया है. इसी तरह आदमपुर चौक के पास पाइपलाइन लिकेज दुरुस्त करने को लेकर भी निगम प्रशासन से कहा गया है. जल्द ही इस संबंध में फिर से रिमाइंडर भेजा जायेगा. जहां मन होता है, वहां सड़क काट दी जाती है और उसे ठीक करने के बजाय अधूरा छोड़ दिया जाता है. अब इन मामलों को गंभीरता से लिया जायेगा.
अरविंद कुमार गुप्ता, कार्यपालक अभियंता
पथ निर्माण विभाग, भागलपुरB
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