संवाददाता, भागलपुर
जिले में बाढ़ को लेकर चारों तरफ त्राहिमाम की स्थिति बरकरार है. जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए विभिन्न इलाकों में राहत शिविर लगाये गये हैं. शहरी क्षेत्र के कुछ इलाकों में भी बाढ़ प्रभावित इलाकों से आये ग्रामीणों को शरण देने के लिए राहत शिविर बनाया गया है. जिसमें सामुदायिक किचन, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के अलावा पशु चारे की भी व्यवस्था की गयी है. सरकारी स्तर से बाढ़ पीड़ितों को प्रत्येक दिन दो वक्त का खाना मुहैया कराया जा रहा है. राहत शिविरों से बाढ़ पीड़ितों की कई शिकायतें सामने आ रही है. टीएनबी कॉलेजिएट में रह रहे बाढ़ पीड़ितों ने बारिश को लेकर समस्या जाहिर की है. उनका कहना है कि बाढ़ से बच कर आये तो खुले मैदान में बारिश के बीच रहना मुश्किल हो रहा है. 300 से अधिक परिवार यहां रह रहे हैं. कॉलीजिएट मैदान में जिन्हें बारिश के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बारिश के दौरान पूरा पानी शिविर के अंदर घुस जाता है ऐसे में रहना काफी चुनौतिपूर्ण हो गया है.कॉलीजिएट मैदान में शंकरपुर दियारा के बाढ़ पीड़ित काट रहे वक्त
दो दिन पहले जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को प्लास्टिक मुहैया करायी गयी थी लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिन्हें प्लास्टिक नहीं मिल पाया है. प्रभात खबर ने जब राहत शिविर की पड़ताल की तो वहां मौजूद प्रभारी ममता कुमारी ने दावा किया कि कॉलीजिएट शिविर में शंकरपुर दियारा के ग्रामीण रह रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों के कुल 312 मुख्य सदस्यों को रजिस्टर्ड किया गया है. जिनके परिवार को नियमित रूप से दो वक्त का खाना दिया जाता है. प्रभारी ने बताया कि दिन में लगभग एक हजार लोग और शाम तक 2500 लोग प्रतिदिन राहत शिविर में भोजन करते हैं. कुछ बाढ़ पीड़ित तो यहां से खाना ले जाकर दूसरी जगह भी पहुंचाते हैं. कई बार तो दूसरे क्षेत्र से आये बाढ़ पीड़ित भी शिविर में आकर भोजन करते हैं. जिन्हें बिना किसी परेशानी के खाना दे दिया जाता है. प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल टीम भी लगी रहती है. बुधवार को बीमार लोगों की संख्या 27 बतायी गयी.मवेशियों को नहीं मिल रहा शिविर में चारा
शंकरपुर दियारा से आए जुगल मंडल ने बताया कि बारिश के कारण शिविर में रहना मुश्किल हो रहा है. पानी सीधे शिविर में घुसता है. हालांकि प्रशासन की ओर से प्लास्टिक वितरण किया गया है लेकिन फिर भी पानी अंदर घुस जाता है. शिविर में मवेशियों का मल-मूत्र है लेकिन सफाई कर्मियों को कहने पर भी सुनवाई नहीं होती. उन्होंने बताया कि उनके पास पांच बकरी, तीन भैंस, एक गाय है लेकिन मवेशियों को सही ढंग से चारा नहीं मिल रहा है.सभी परिवारों को बच्चों के लिए नहीं मिल रहा दूधबबीता देवी ने बताया कि उनके छोटे-छोटे चार बच्चे हैं. बच्चों को प्रतिदिन दूध नहीं मिलता है. बुधवार को दूध वितरण किया गया लेकिन सभी परिवारों को नहीं मिला. बारिश में प्लास्टिक से पानी गिरता है, किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं. रूना देवी ने बताया कि बारिश का पानी अंदर घुस जाता है. चौकी पर बैठ कर दिन काटते हैं. मवेशियों को चारा भी ठीक से नहीं मिलता है.पॉलिटेक्निक स्थित शिविर में भोजन के लिए हंगामा किया
पॉलिटेक्निक स्थित राहत शिविर में भोजन को लेकर बुधवार को बाढ़ पीड़ितों ने हंगामा शुरू कर दिया. उनका आरोप था कि कुछ लोगों को भोजन कराने के बाद काफी देर तक वे लोग खाने की आस में बैठे रहे लेकिन खाना नहीं मिला. प्रतिदिन इसी तरह का रवैया अपनाया जाता है. हंगामे की खबर सुनकर गोपालपुर के जेडीयू विधायक गोपाल मंडल के पुत्र आशीष मंडल बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने राहत शिविर पहुंचे. मामले की लेकर आशीष मंडल ने बताया कि प्रशासन की ओर से राहत शिविर में खाना की व्यवस्था की गयी है. खाना भी मिलता है लेकिन कुछ लोगों का आरोप है कि उन्हें एक दिन पुराना बासी खाना ही दे दिया गया. लगभग दर्जनभर लोगों का पेट खराब है. कुछ लोगों को डायरिया की शिकायत भी सामने आ रही है. इस दौरान शिविर में काफी हंगामा हुआ जिसे संभालने के लिए कोई मजिस्ट्रेट की मौजूदगी नहीं थी. दो महिलाएं और एक पुरुष सिपाही किसी तरह स्थिति संभाल रहे थे. इस दौरान एक गर्भवती को लेबर पेन हुआ हालांकि कुछ देर बाद एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

