फतेहपुर गांव में बुधवार को घटी घटना ने पूरे इलाके का दिल दहला दिया. स्नान करने गये सुभाष मांझी (35) की डूबने से मौत हो गयी. यह खबर सुनते ही घर में चीख-पुकार मच गयी. पत्नी दुलो देवी जो पहले से ही गर्भवती हैं, पति की लाश देख बार-बार बेहोश हो रही थीं. इधर छह मासूम बच्चे पिता को खोने के ग़म में बिलखते रहे. गांव में मातम पसरा हुआ था. हर कोई यही सवाल कर रहा था, अब इस गरीब परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा. मजदूरी कर किसी तरह घर का चूल्हा जलाने वाले सुभाष के जाने से परिवार पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है. सुभाष के घर की हालत बेहद दयनीय है. मिट्टी का छोटा-सा घर, सामने खड़े रोते-बिलखते बच्चे और गर्भवती मां की बेहोशी ने हर किसी की आंखें नम कर दीं. गांव के लोग कह रहे थे कि मजदूरी करने वाले सुभाष के सहारे ही घर चलता था. अब उनकी पत्नी और बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस बेहद गरीब और बेसहारा परिवार को तुरंत आर्थिक मदद और सहायता राशि मिले, ताकि बच्चों और गर्भवती मां की जिंदगी पटरी पर आ सके.
एंबुलेंस ने भी नहीं बख्शा
परिजनों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव लाने के दौरान एंबुलेंस चालक ने जबरन 2700 रुपये वसूल लिये. दुलो देवी ने रोते हुए कहा, हम गरीब हैं, पेट में बच्चा है, छह बच्चे पाल रही हूं. ऐसे में एंबुलेंस वाले ने पैसा ले लिया. इस अमानवीय घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और मुंगेर-सुलतानगंज सड़क जाम कर दिया.मुखिया ने दी तीन हजार की मदद
गांव के लोग जाम पर डटे रहे. इस बीच पंचायत प्रतिनिधि रामजी मंडल पहुंचे और मृतक के परिजनों को तीन हजार रुपये की आर्थिक मदद दी. इसके बाद जाम तोड़ दिया गया. ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यह पैसा अंतिम संस्कार के लिए दिया गया या 2700 रुपये की भरपाई के लिए, यह स्पष्ट नहीं है. मुखिया प्रतिनिधि ने सरकार की ओर से आपदा राहत मद से परिजनों को मुआवजा का आश्वासन दिया है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

