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bhagalpur news. पर्यूषण का अर्थ है स्वयं में निवास करना

जैन श्वेतांबर परंपरा में मनाया जानेवाला आठ दिवसीय पर्यूषण महापर्व नयाबाजार स्थित तेरापंथ उपासना कक्षा में शुरू हुआ.

जैन श्वेतांबर परंपरा में मनाया जानेवाला आठ दिवसीय पर्यूषण महापर्व नयाबाजार स्थित तेरापंथ उपासना कक्षा में शुरू हुआ. प्रातः 8.30 बजे श्रद्धालुओं द्वारा आराधना की गयी. सर्वप्रथम नवकार मंत्र का सामूहिक पाठ किया गया. जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विनोद बैद ने बताया कि पर्यूषण का अर्थ है स्वयं में निवास करना. इसका उद्देश्य है क्रोध, मान, माया, लोभ जैसे विकारों का शमन. अतीत की भूलों का आत्म अवलोकन करना. यह पर्व अहिंसा और क्षमा का प्रतीक है. पर्व आठ दिनों का होता है. इस पर्व के प्रथम दिन को खाद्य संयम दिवस, द्वितीय दिन स्वाध्याय दिवस, तृतीय दिन सामाजिक चेतना दिवस, चतुर्थ दिन वाणी संयम दिवस, पांचवा दिन अणुव्रत चेतन दिवस, छठा दिन जप दिवस, सातवां दिन ध्यान दिवस व आठवें दिन को संवत्सरी महापर्व के रूप में मनाया जाता है. 28 अगस्त को क्षमा याचना दिवस के रूप में मनाया जायेगा. सभी एक दूसरे से अपने अतीत की भूलों के लिए क्षमा याचना करते हैं. भविष्य में ऐसी भूल न हो इसकी प्रतिज्ञा करते हैं. प्रतिदिन सुबह तेरापंथ उपासना कक्षा में होने वाले सामायिक के कार्यक्रम में टीकमचंद बेताला, गणेश बोथरा, संपतमल जैन, चैनरूप बैल, रूपेश बैद, मुकेश बैल, राजेश बैद, उज्जैन मालू, जीवनभर कोठारी, महिला मंडल की अध्यक्ष संतोष बैल,अनीता बैद, राजू बैद, माणक देवी बेताला, प्रमिला कोठारी, मीनू बैद, सरोज बोथरा, सरोज बोहरा आदि उपस्थित थे.

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