नवगछिया मदन अहल्या महिला महाविद्यालय नवगछिया व एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन विषयक ऑनलाइन राष्ट्रीय वेविनार हुआ. उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव कुमार सिंह ने कहा कि पश्चिमी देशों में व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन को लेकर जितनी सजगता है, वैसी सजगता भारत में अभी विकसित नहीं हुई है, जिसके कारण सरकारी नौकरी पेशा व्यक्ति हो या कारोबारी व्यक्ति, संकट में स्वयं को असहाय पाता है. व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन न केवल अपने भविष्य के लिए बल्कि परिवार और समाज की अगली पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए अत्यावश्यक है. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व उप महाप्रबंधक सूर्यकांत शर्मा ने व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के सभी महत्वपूर्ण आयामों पर प्रकाश डाला. उन्होंने व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन से संबंधित पूर्वग्रहों को दूर करते हुए कहा कि बिना ठोस जानकारी के निवेश भविष्य के लिए लाभप्रद नहीं होता है. निवेश और प्रबंधन के लिए पूर्वग्रहों से मुक्त हो कर नये प्रामाणिक तरीकों को तलाशने की जरूरत है. आज से 20–30 साल पूर्व के निवेश के तरीकों से बढ़ती महंगाई के इस दौर में भविष्य को सुरक्षित रख पाना कठिन है. पीपीएफ, सुकन्या जैसी योजनाओं में निवेश करने से निवेशक अतिरिक्त कर के वहन से बचेंगे और सुरक्षित रिटर्न हासिल कर सकेंगे. यह समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड जोखिम भरा नहीं होता, लोगों को समझने बस म्यूचुअल फंडिंग सीखने-समझने की जरूरत है. संचालन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के सदस्य डॉ संजय अग्रवाल व धन्यवाद ज्ञापन डॉ अमरदीप कुमार चौधरी ने किया. मौके पर डॉ धर्मेंद्र दास, डॉ सुशील कुमार मंडल, डॉ अनिल कुमार मंडल, डॉ अनुराधा देवी, डॉ रीना चन्द, डॉ आरती कुमारी, डॉ अनीता गुप्ता, डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ राहुल कुमार, डॉ उदिता यादव, डॉ शैलेश कुमार तथा अन्य छात्राएं उपस्थित थी. राष्ट्रीय वेविनार में देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागियों ने भाग लिया.
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