-सीए प्रदीप झुनझुनवाला व दीपक झा ने लगाया था पौधा और अब लगे फलदीपक राव, भागलपुर
कचहरी चौक व भीखनपुर मध्य स्थित सीए प्रदीप झुनझुनवाला के आवास परिसर में एवं बाइपास स्थित पर्यावरण प्रेमी दीपक झा ने अपनी नर्सरी में मियाजाकी आम की खेती का दावा किया है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो से ढाई लाख रुपये प्रति किलो है. मियाजाकी आम जापान के मियाजाकी शहर में उगाया जाता है. वहीं से इसका नाम पड़ा है.वरिष्ठ सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि चार साल पहले कोलकाता से 700 रुपये में मियाजाकी आम का पौधा लाया था. अपने आवास परिसर में ही अलग-अलग वेराइटी के आम, लीची, सपाटू आदि के पेड़ लगाये हैं, जिसमें मियाजाकी पौधा लगाये. इस बार उनके पेड़ में आम फले, जिससे काफी खुशी हो रही है. यहां बंदरों का प्रकोप है, फिर भी पेड़ में 30 से 40 फल लगे हैं. बार-बार न्यूज में सुनने के बाद इस आम के पाैधे लगाये.पर्यावरण प्रेमी दीपक झा ने बताया कि उनके नर्सरी से कई जिलों के लोग अलग-अलग वेराइटी के पौधे ले जाते हैं. अमरूद, पपीता, सेब, मौसमी, नींबू, संतरा, इलायची, अगरवुड के साथ-साथ मियाजाकी आम भी इस बार हुआ. उन्होंने कहा कि बगीचे में पूरी तरह जैविक खेती करते हैं. किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते. छोटे गमले में पौधे पिछले साल लगाया. इस बार आंधी-बारिश के बाद भी 10 फल सुरक्षित रह गये हैं. उनका मानना है कि मिट्टी को जहर से नहीं, पोषण से मजबूत बनाना चाहिए. यही कारण है कि उनके बगीचे का हर फल स्वाद और गुणवत्ता दोनों में बेहतरीन है.
आम की सुरक्षा के लिए लगाया है सीसीटीवी कैमरा
सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने सुरक्षा के लिहाज पहले से ही सीसीटीवी कैमरा लगाया है. आम समेत अन्य पौधे की देखभाल के लिए एक स्टाफ रखा है. आम के फलने के साथ ही इसकी निगरानी शुरू हो गयी है. ताकि किसी प्रकार की चोरी या नुकसान से इसे बचाया जा सके. मियाजाकी आम न केवल महंगा है. बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटिन और फोलिक एसिड जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही इसमें शुगर कंटेंट भी 15% या उससे अधिक होता है. इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा उपयुक्त मानी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है