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Bhagalpur news भागवत कथा का श्रवण से जीव मुक्त हो जाता है : ओम प्रकाश

कथा व्यास ओम प्रकाश जी महाराज ने कथा वाचन के दौरान श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत मुक्ति शास्त्र है.

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कहलगांव ओगरी गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास ओम प्रकाश जी महाराज ने कथा वाचन के दौरान श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत मुक्ति शास्त्र है. श्रीमद्भागवत समस्त पुराणों का सार है. वेद और उपनिषद का परिपक्व फल है. इनके पाठ का श्रवण, दर्शन और स्पर्श करने मात्र से समस्त पापों का नाश होता है. श्रीमद्भागवत साक्षात श्री हरि का वाङमय स्वरूप है. कलियुग में इनका श्रवण करने मात्र से जीव मुक्त हो जाता है. कर्ण, दुन्धकारी की कथा श्रवण कराया गया. महाराज परीक्षित का जन्म, सुकदेव महाराज जी के प्राकट्य कथा कलियुग दमन की कथा सुनायी गयी. कथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के श्रद्धालु सहित आयोजन समिति के सदस्य, पूर्व मुखिया ओमप्रकाश मंडल, गिरधारी मंडल, दिलीप मंडल व ग्रामीण मौजूद थे.

भागवत कथा को लेकर निकाली गयी कलश शोभायात्रा

गोराडीह प्रखंड क्षेत्र के इटवा गांव में होने वाले सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर सोमवार को भव्य कलश शोभायात्रा निकाल गयी. कलश शोभायात्रा बांका जिला अंतर्गत धोरैया प्रखंड क्षेत्र के प्रसिद्ध धनकुंड नाथ महादेव मंदिर स्थित शिवगंगा से 1001 महिलाओं तथा युवतियों ने कलश में जल भरकर हरी नगर, चंबाचक होते करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर कथा स्थल तक पहुंची. इस दौरान गाजे बाजे के साथ सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर थाना अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में गोराडीह पुलिस कलश शोभायात्रा में मौजूद थी.

भगवान की भक्ति का फल संसार से विरक्ति है : डाॅ राम कृपाल त्रिपाठी

नवगछिया दुर्गा संस्कृत विद्यालय के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में भ्रमरपुर में भागवत कथा की महत्ता की चर्चा करते हुए डाॅ त्रिपाठी जी ने कहा कि भक्ति के पुत्र ज्ञान और वैराग्य हैं. ज्ञान का अर्थ जानना और वैराग्य का अर्थ मानना है. हम जानते तो है पर मानते नहीं. इसलिए हम भगवान की भक्ति प्राप्त नहीं कर सकते. जीवन का हर कर्म भगवान को समर्पित करने वाला भगवान का परम प्रिय होता है. ब्रज की गोपियां हर कार्य भगवान को समर्पित करती थी, इसीलिए भगवान हर पल ब्रज को और गोपियों को याद करते. कथा से पूर्व दीप प्रज्ज्वलन में महंत नवल किशोर दास, प्रो डाॅ ज्योतिन्द्र चौधरी, पंडित शशिकांत झा ने भाग लिया. मंच संचालन प्रो अरविंद कुमार झा जी कर रहे थे, जिसमें गणमान्य नित्यानंद झा जी, शंभू गोस्वामी, संजय झा, जटाशंकर झा, धनंजय झा उपस्थित थे.

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