गंगा नदी सौ वर्ष पूर्व जिस धारा से बहती थी, पुन: उसी धारा से बहने को मचल रही है. गोपालपुर प्रखंड के बुजुर्ग बताते हैं कि सौ साल पूर्व गंगा नदी गोपालपुर थाना के सटे महादलित टोला के निकट से बहा करती थी. कालांतर में गंगा नदी धीरे-धीरे कहलगांव व घोघा की ओर शिफ्ट कर गयी थी. विक्रमशिला सेतु के निर्माण के समय से ही गंगा नदी धीरे-धीरे पुन: अपनी पुरानी धारा की ओर लौटने लगी, जिससे कमलाकुंड, बुद्धूचक, फुलकिया, रामदीरी, इमदादपुर सहित एक दर्जन से अधिक गांवों को अपने आगोश में समा गयी. हजारों एकड उपजाऊ जमीन व बड़ी आबादी प्रभावित हुई. बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग की ओर से एक दशम में कटाव से बचाव के लिए अरबों रुपये खर्च किये, लेकिन कटाव का दायरा लगातार बढ़ता गया. इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध में एक पखवारे में दो बार भीषण कटाव हुआ. भीषण कटाव होने से बिंद टोली गांव का अस्तित्व समाप्त हो गया है. स्पर संख्या छह एन से सात तक तटबंध पूर्व में दो बार ध्वस्त हो चुका है. बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष सह विशेषज्ञ ई गोपाल चंद्र मिश्र कहते हैं कि गंगा नदी सौ वर्षों में अपनी धारा को बदलते रहती है. अब स्पर संख्या छह एन से नौ तक गंगा नदी का पूरा दबाव तटबंध की ओर है. हालांकि गंगा नदी स्पर पांच से ही तटबंध के नजदीक बह रही है. तटबंध पूरी तरह से ध्वस्त नहीं होने से तबाही नहीं हुई. मुख्य अभियंता ई अनवर जमील ने बताया कि तटबंध को सुलभ रखने के लिए चार नये स्पर व स्पर सात से ही सीट पाइलिंग व तटबंध के मजबूतीकरण का कार्य करवाया जायेगा, ताकि गंगा नदी के कटाव से क्षेत्र को बचाया जा सके.
गंगा नदी खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर
पुन: गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से सोमवार की शाम इस्माईलपुर-बिंद टोली में गंगा नदी खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पुन: विभिन्न स्परों व तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया के अनुसार पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ 31.86 मीटर पर बह रही है.खतरे का निशान 31.60 मीटर है.अभियंता प्रमुख ने किया ध्वस्त हुए तटबंध का निरीक्षण
जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ई वरुण कुमार ने सोमवार की दोपहर बाद इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध पर वीरनगर -बुद्धूचक स्पर संख्या सात के डाउनस्ट्रीम में मछली आढत के पास दो -तीन पूर्व हुए लगभग 100-125मीटर में तटबंध के आधे हिस्से के ध्वस्त भाग का निरीक्षण किया. उन्होंने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल नवगछिया के कार्यपालक अभियंता ई गौतम कुमार को हर हाल में तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को रीस्टोर कर तटबंध को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पुन: गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. अतएव तटबंधों व स्परों पर पूरी निगरानी रखने का निर्देश दिया. मौके पर वीरपुर के विशेषज्ञ ई सहजानंद सिंह, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष ई गोपाल चंद्र मिश्रा, मुख्य अभियंता ई अनवर जमील व अधिवक्ता मुकेश कुमार मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

