टीएमबीयू में फर्जी अंकपत्र जारी करने के मामले में संलिप्त परीक्षा विभाग के कर्मचारी सहायक संजय कुमार पर विवि प्रशासन द्वारा अबतक एफआइआर दर्ज नहीं कराया जा सका है. जबकि कुलपति प्रो जवाहर लाल ने मामले में प्रॉक्टर को कर्मचारी का जब्त मोबाइल फोन सहित पत्र लिखकर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था. सूत्रों के अनुसार मामले में जांच कमेटी ने भी फर्जीवाड़ा में संलिप्त कर्मचारी को सस्पेंड के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई करने का भी अनुशंसा किया था. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि विवि के पदाधिकारी मामले को दबाने में लगे हैं. जबकि मामले को लेकर टीएमबीयू की छवि धूमिल हुई थी. विवि भी कर्मचारी को निलंबित कर अपना पीठ थपथपाने में लगा है.
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दूसरी तरफ फर्जीवाड़ा की शिकार हुई डीएनएस कॉलेज रजौन की छात्रा अंजली कुमारी सोमवार को दस्तावेज जमा कराने के लिए विवि पहुंची थी. कुलपति आवास, परीक्षा नियंत्रक व डीएसडब्ल्यू कार्यालय का चक्कर लगाया, लेकिन किसी ने फर्जीवाड़ा से जुड़े मूल दस्तावेज नहीं लिया है. आखिरकार छात्रा को घर वापस लौटना पड़ा. वहीं, छात्रा अंजली कुमारी ने बताया कि सोमवार को फर्जीवाड़ा से जुड़े सारे दस्तावेज लेकर विवि गयी थी. इसी क्रम में कुलपति से उनके आवास पर मिली भी थी. छात्रा ने बताया कि कुलपति द्वारा कहा गया कि खुद जाकर स्थानीय थाना में दस्तावेज जमा करा दें. छात्रा ने बताया कि फर्जीवाड़ा विवि से हुआ है, तो इसकी शिकायत पर विवि को खुद आरोपित कर्मी पर केस दर्ज कराना चाहिए. वह थाना क्यों जायेगी. उधर, विवि के प्रभारी प्रॉक्टर प्रो संजय कुमार झा ने कहा कि फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. तमाम बिंदुओं का अवलोकन किया जा रहा है.
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