कहलगांव विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण मामले में बिहार सरकार ने एएन सिन्हा संस्थान से सर्वेक्षण करा रही है. सर्वेक्षण के दौरान दूसरे दिन गुरुवार को संस्थान के सर्वेक्षण का अंतिम चक्र में मलकपुर मौजा का अंतिचक सामुदायिक भवन में किसानों के बीच सभा आयोजित हुई. सभा में किसानों ने अपनी बातें खुल कर रखी तथा लिखित मांग पत्र भी समर्पित किया. किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार किसानों के बीच बैठ कर तथा स्थलीय जांच कर लिखित समझौता करें, ताकि भूमिहीन परिवार तथा उक्त निर्माण के लिए अधिग्रहण के बाद होने वाले भूमिहीन परिवार को आज की तिथि में बेची जा रही जमीन की कीमत का चार गुना मुआवजा, बगीचा वाले को 99 वर्षों तक बिकने वाले बगीचे के फल का मुआवजा के साथ हर परिवार को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त चिकित्सा, घर विहीन होने वाले परिवार सहित भू विस्थापितों को मुफ्त बिजली, पानी और सड़क, खेल मैदान की व्यवस्था की जाए. केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए स्नातक, स्नाकोत्तर, आइटीआइ, इंजीनियरिंग और मेडिकल में सभी विषयों की अलग-अलग पढ़ाई सुनिश्चित करे, साथ ही कानून की भी पढ़ाई सुनिश्चित की जाय, ताकि 875 और 800 ईसा पूर्व के बीच में जिस तरह से देश-विदेश के छात्र-छात्राएं पढ़ने यहां आते थे, ठीक उसी प्रकार शिक्षा को पुनर्स्थापित किया जा सके और रोजगार का सृजन हो जिससे इस क्षेत्र का चौमुखी विकास हो सके. टीम में शोध पदाधिकारी सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल, सहायक शोध पदाधिकारी संतोष कुमार जायसवाल, मो सुकरूद्दीन, निर्वाची पदाधिकारी चंदन कुमार, भू-अर्जन की ओर से चन्द्रदीप सिंह, मुखिया ललीता देवी, प्रवीण कुमार राणा, उपस्थित रहे. ग्रामीणों की तरफ से उपमुखिया संगीत कुमार, विक्रमशिला भू विस्थापित समिति के अध्यक्ष महेन्द्र मंडल, अरविंद कुशवाहा, विजय, अजीत, किरण देवी, भगीया देवी उपस्थित थीं.
ऑयल इंडिया की ओर से मॉक ड्रिल का आयोजन
नवगछिया ऑयल इंडिया पाइपलाइन विभाग की ओर से एनएच- 31 स्थित गुदरिया स्थान के समीप मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. यह अभ्यास ऑयल इंडिया लिमिटेड के पंप स्टेशन नौ, डुमर के सहयोग से किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा मानकों और प्रतिक्रिया प्रणाली को सुदृढ़ करना था. कार्यक्रम में नवगछिया बीडीओ गोपाल कृष्ण व डीटी सीइपीएलएम, पीएसओपीआई एनके सैकिया की उपस्थिति ने आयोजन को औपचारिक रूप दिया. मॉक ड्रिल का मुख्य केंद्र बिंदु आम नागरिकों को तेल पाइपलाइन लीकेज की स्थिति में आवश्यक सावधानियों और त्वरित उपायों के बारे में जागरूक करना था. मॉक ड्रिल में विशेषज्ञों ने नागरिकों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दी. यदि पाइपलाइन से तेल का रिसाव हो, तो तुरंत घटनास्थल से सुरक्षित दूरी बना लें. किसी प्रकार की खुली आग, सिगरेट, बीड़ी, गैस चूल्हा या माचिस जलाने से बचे. रिसे हुए कच्चे तेल को छूने या उठाने का प्रयास न करें. घटना स्थल के आसपास अन्य लोगों को जाने से रोकें. मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे विस्फोट की संभावना हो सकती है, तुरंत पुलिस थाना, प्रशासन, अग्निशमन विभाग और ऑयल इंडिया के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है