बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा) के आह्वान पर भागलपुर समेत पूरे बिहार के सरकारी डॉक्टरों ने गुरुवार को ओपीडी का बहिष्कार किया. 28 व 29 मार्च को भी ओपीडी सेवा बाधित रहेगी. रविवार के अवकाश के बाद सोमवार से मरीजों का इलाज ओपीडी में शुरू होगा. अस्पताल प्रभारी डॉ राजू ने बताया कि सिर्फ ओपीडी सेवा बाधित हुई. गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी सेवा जारी है. महिलाओं की डिलीवरी व ऑपरेशन जारी हैं. मॉडल अस्पताल के अलावा सिविल सर्जन कार्यालय से संबद्ध सभी प्रखंडों में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित रही. इधर, डॉक्टरों के आंदोलन के शहर के मॉडल अस्पताल में इलाज कराने आये 700 से अधिक मरीजों को वापस लौटना पड़ा. सुबह नौ बजे से अस्पताल में मरीजों की भीड़ जुटने लगी. कुछ समय के लिए मरीजों का रजिस्ट्रेशन जारी रहा. करीब 150 मरीजों के रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टरों ने इनका इलाज किया. संघ से जुड़े राज्यस्तरीय पदाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद सुबह 10.30 बजे से इलाज बंद कर दिया गया. साथ ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन काउंटर को भी बंद किया गया. इलाज के इंतजार में सैकड़ों मरीज काफी देर तक अस्पताल में खड़े रहे. लेकिन इलाज शुरू नहीं होने के बाद कई मरीज इलाज कराने मायागंज अस्पताल व निजी क्लीनिक चले गये. मायागंज अस्पताल में ओपीडी सेवा जारी रहने से मरीजों को कुछ राहत मिली.
मॉडल अस्पताल में कार्यरत 30 चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार किया. डॉक्टरों ने अस्पताल के मेन गेट पर एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन में सदर अस्पताल प्रभारी डॉ राजू, डॉ आरपी जायसवाल, डॉ पीबी मिश्रा, डॉ चंदन तिवारी, डॉ पंकज, डॉ पीयूष, डॉ अभिषेक, डॉ विप्लव, डॉ रमाशेखर, डॉ उमेश व डॉ अंसार थे.डॉक्टरों की क्या है मांग :
डॉक्टरों ने बताया कि पांच सूत्री मांगों पर पूरे राज्य में आंदोलन शुरू किया गया है. इनमें बायोमेट्रिक अटेंडेंस के आधार वेतन नहीं रोकने, प्रशासनिक उत्पीड़न बंद करने, चिकित्सक व कर्मियों की कमी दूर करने, सुरक्षा व्यवस्था समेत डॉक्टरों की कार्य अवधि निर्धारित करने की मांग है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है