भागलपुर जरूरी काम से बाहर निकले लोग भीड़-भाड़ की संपर्क में आकर वायरल इंफेक्शन व बदलते मौसम में एलर्जी, बुखार व सर्दी-खांसी की चपेट में आ रहे हैं. अभिभावकों के बाद घर के छोटे बच्चों भी संपर्क में आकर संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. छह माह से चार वर्ष तक के बच्चों के इलाज में लापरवाही के कारण समस्या बढ़कर गले का इंफेक्शन, निमोनिया व ब्राॅन्काइटिस तक पहुंच रहा है. इससे बच्चों के नाक से लगातार कफ निकल रहा है. घरघराहट के साथ खांसी हो रही है. वहीं इंफेक्शन की वजह से तेज या कम बुखार भी रहता है. मामले पर जेएलएनएमसीएच के शिशुरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से निमोनिया जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए लगातार जागरूकता संदेश जारी किया जा रहा है. ओपीडी में इलाज कराने आये 30 से अधिक बच्चों में ऐसी शिकायत मिल रही है. तीन से चार गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों को भर्ती करने की नौबत आ रही है. बताया कि जिनके घर में छोटे बच्चे हैं, ऐसे अभिभावकों को पहले सतर्क रहने की जरूरत है. मार्च तक बाहर निकलने के दौरान मास्क का प्रयोग करें. भीड़-भाड़ जैसे जगहों से बचकर रहें. वहीं घर लौटने पर हाथ को साबुन से धोने के बाद ही बच्चों को छुएं.
निमोनिया व ब्रांकाइटिस के मरीज बढ़ रहे
जेएलएनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ कृष्ण मुरारी ने बताया कि वायरल संक्रमण के कारण बच्चे निमोनिया व ब्रांकाइटिस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. निमोनिया में जहां तेज बुखार रहता है. वहीं ब्रांकाइटिस में हल्का बुखार रहता है. जबकि नाक से डिस्चार्ज, फेफड़े में इंफेक्शन समेत कई लक्षण समान रहते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चों को मायागंज अस्पताल लाकर बेहतर तरीके से इलाज जरूर करायें.
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