तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में काफी संख्या में छात्र-छात्राओं के सर्टिफिकेट पड़े हुए हैं. कॉलेजों व पीजी विभागों को इन सर्टिफिकेट को अब तक ले जाने की फुर्सत नहीं हुई और न ही परीक्षा विभाग ने भेजने की जरूरत समझी. अब इन्हें संबंधित कॉलेजों व पीजी विभागों को विश्वविद्यालय द्वारा भेजा जायेगा. परीक्षा विभाग में सर्टिफिकेट पड़े रहने से छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय दौड़ना पड़ता है. विभिन्न विभागों में जाकर उन्हें जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. व्यवस्था ऐसी है कि कभी-कभी प्रक्रिया पूरी करने में दो-चार दिन लग जाता है. कई छात्र वापस भी लौट जाते हैं. कई बार समय पर सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता है. इस वजह से परीक्षा विभाग पर इसका बोझ बढ़ता ही जा रहा है.
परीक्षा विभाग में सर्टिफिकेट पड़े होने की समस्या दो दिन पहले निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो जवाहर लाल को दिखी थी. इसे देखते हुए कुलपति ने छात्राें के सर्टिफिकेट संबंधित काॅलेज और पीजी विभागाें काे भेजने का निर्देश दिया है. कुलपति ने परीक्षा नियंत्रक कृष्ण कुमार काे निर्देश दिया है कि वह विभाग में पड़े सभी सर्टिफिकेट की सूची बनायें. संबंधित काॅलेज व पीजी विभाग काे इसकी जानकारी दें और सर्टिफिकेट उन्हें ले जाने का निर्देश दें. फर्जी अंकपत्र का केस सामने आने के बाद दाे दिन पहले परीक्षा विभाग में बाहरी व्यक्ति द्वारा काम किये जाने की सूचना पर कुलपति ने परीक्षा विभाग की शाखाओं का निरीक्षण किया था. उन्हें यह शिकायत मिली थी कि कर्मचारी छात्रों को सर्टिफिकेट नहीं देते हैं. इससे सर्टिफिकेट के बदले छात्राें से उगाही करने के मामले की संभावना भी जतायी गयी थी. इस पर कर्मचारियाें ने कुलपति के समक्ष अपना पक्ष रखा था. उनका कहना था कि अक्सर छात्र पुराने सर्टिफिकेट लेने के लिए बिना किसी प्रूफ के आ जाते हैं. इस कारण उन्हें सर्टिफिकेट देना संभव नहीं हो पाता है.
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