– अभी तक भागलपुर जिले के किसानों को ही मिलती रही है जानकारीललित किशोर मिश्र, भागलपुरबिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर से अभी तक भागलपुर जिले के किसानाें को ही मौसम आधारित खेती की रोजाना जानकारी दी जाती रही है. नये साल से विवि भागलपुर सहित सूबे के सभी 38 जिलों को इस तरह की जानकारी मुहैया करायी जायेगी. फिलहाल सप्ताह में दो दिन जानकारी जारी की जायेगी. विवि के कुलपति डॉ डीआर सिंह की देखरेख में विवि परिसर में एग्रो डिसीजन सपोर्ट सिस्टम लैब बनकर तैयार हो गया है. सिस्टम तैयार करने में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत आयी है.सिस्टम ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रयोग के तौर पर भागलपुर के साथ बांका, सुपौल व औरंगाबाद जिले को भी मौसम आधारित खेती की जानकारी दी जा रही है. यह रिपोर्ट इन जिलों के सभी प्रखंड के ई-मेल व जिला कार्यालय को हर दिन जानकारी दी जा रही है. कुछ माह पहले सीएम नीतीश कुमार ने इस लैब का उद्घाटन किया था. इस व्यवस्था के तहत यह बताया जायेगा कि किस मौसम में किसान किस तरह की खेती करे, कौन सा बीज लगाएं, कब कौन का खाद डालें. आदि जानकारी दी जायेगी. सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटिक है. विवि की ओर से विभिन्न जिलों व सभी प्रखंडों कोसिस्टम से जोड़ने के काम को पूरा किया जा रहा है. दावा है कि माह के अंत तक सभी प्रखंडों को जोड़ लिया जायेगा.
– अभी पटना से जारी की जाती है मौसम की जानकारी
अभी राज्य के जिलों को पटना स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से मौसम की जानकारी मुहैया करायी जाती है. हालांकि, यहां से सिर्फ मौसम की जानकारी मिलती है. एग्रो डिसीजन सपोर्ट सिस्टम से मौसम के साथ ही इसके अनुरूप खेती की जानकारी भी मुहैया करायी जायेगी. विवि की योजना है कि कुछ दिनों के बाद सिस्टम से किसानों के मोबाइल नंबर को जोड़ने की है. इससे किसानों को मोबाइल पर ही सारा अपडेट मिल जायेगा.
– कोट
– बीएयू ने देश में पहली बार किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवा का शुभारंभ किया है. इस सेवा से किसानों को मौसम आधारित कृषि सलाह दिया जायेगा. इस सेवा से लगभग बिहार के सभी पंचायतों के किसान लाभान्वित होंगे. सेवा को और भी प्रभावी करने हेतु अनुसंधान किए जा रहे हैं.डॉ डीआर सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

