– गंगा व कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है
– गंगा किनारे बसे मुहल्लों व गांवों में जलजमाव की स्थिति, लोग परेशान
जिले में गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में उफान कम हुआ है. बावजूद दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं है. शहर के गंगा तटों पर नदी की तेज धारा का दबाव बरकरार है. गंगा किनारे बसे बरारी पुल घाट, विसर्जन घाट मायागंज, मानिक सरकार घाट, बूढ़ानाथ घाट, किलाघाट व टीएमबीयू घाट समेत नाथनगर के चंपानगर, महाशय ड्योढ़ी, साहेबगंज के नदी के किनारे बसे मुहल्लों से पानी थोड़ा कम हुआ. वहीं निचले इलाके में अब तक पानी फंसा हुआ है. नदी किनारे स्थित घरों में जहरीले जीव जंतु घुस रहे हैं. शहर की बड़ी नालियों के पानी में नदी का पानी घुसने से नाला जाम हो गया है. मुहल्लों में दुर्गंध व गंदगी का अंबार है. यही स्थिति चंपापुल से अकबरनगर के बीच एनएच के दोनों ओर बसे गांव मुहल्लों का है. सड़क की दाेनों ओर पानी लबालब भरा है. गांव के लोग अपने मवेशी व सामान लेकर एनएच पर अपनी रात गुजार रहे हैं. इनमें दोगच्छी, पुरानी सराय, भुवालपुर, मिर्जापुर, मुरारपुर, छीट मकंदपुर, रन्नूचक, खेरहिया इलाके में पानी घुसा हुआ है. इधर, शहर से सटे दियारे पर बसे शंकरपुर, बैरिया, मथुरापुर, श्रीरामपुर, गोसाईंदासपुर समेत एक दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां रहने वाली हजारों की आबादी त्राहिमाम कर रही है.
बाक्स के लिए…फिर से बढ़ सकता गंगा का जलस्तर : शनिवार को जल संसाधन विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार भागलपुर व कहलगांव समेत मुंगेर, हाथीदा, पटना तक जलस्तर शनिवार से कम हुआ. लेकिन यूपी, उत्तराखंड में बारिश के कारण प्रयागराज व वाराणसी से लेकर बक्सर तक गंगा का जलस्तर बढ़ा है. सोमवार से जिले में एक बार फिर से गंगा नदी का जलस्तर आंशिक रूप से बढ़ सकता है.
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