भागलपुर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने बुधवार को गोराडीह में हुए आठ वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी अभियुक्त गोराडीह निवासी पुगल शर्मा को आजीवन कारावास की सजा दी है. आरोपित को भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गयी. अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में छह माह अतिरिक्त कारवास की सजा भोगनी होगी. जबकि एससी एसटी एक्ट में भी अभियुक्त को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा देने की बात न्यायाधीश ने अपने फैसले में कही है. अभियुक्त को सात अगस्त के दिन न्यायालय में हुई सुनवाई के बाद दोषी करार दिया गया था. सरकार की ओर से अभियान संचालन विशेष लोक अभियोजक नरेश प्रसाद राम और जयकरण गुप्ता कर रहे थे. घटना नौ मार्च 2023 की है. पुगल शर्मा ने आठ वर्षीय बच्ची को बिस्किट खाने दे कर बहलाया – फुसलाया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. घटना के क्रम में अभियुक्त ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज भी की. घटना के बाद पीड़िता के चाचा ने मामले की प्राथमिकी गोराडीह (सबौर) थाने में दर्ज करायी थी. गोराडीह थाने में मामले की प्राथमिकी कांड संख्या 142, वर्ष 2023 दर्ज की गयी थी. जबकि पॉक्सो न्यायालय में केस नंबर 44, वर्ष 2023 दर्ज कर सुनवाई की जा रही थी.
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