जिले में शनिवार को देवोत्थान एकादशी पर महिलाओं ने व्रत रखा. भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की. रात्रि में ईख को खड़ा कर परिक्रमा की गयी. देवोत्थान एकादशी के साथ भगवान विष्णु जग गये और मांगलिक कार्य शुरू हो गया. लगन के बाजार में रौनक दिखने लगी है. सर्राफा बाजार में आर्डर देने वाले ग्राहक बढ़ गये हैं. सुबह से लेकर दोपहर बाद तक बाजार में पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ी. बाजार में ग्राहकों ने ईख, शकरकंद, सुथनी, अदरक गाछ, हल्दी गाछ, कवरंगा, पनियाला, पसरट्टा व पांच प्रकार के फल की खरीदारी की. महिलाओं ने देवोत्थान व्रत रख भगवान को जगाया गृहिणी रागिनी देवी ने बताया कि भगवान विष्णु चार माह पहले हरिशयनी एकादशी के दिन शयन करने चले गये थे. देवोत्थान पर उन्हें व्रत रख कर उन्हें जगाया गया. उनकी प्रार्थना के लिए ईख को खड़ा कर परिक्रमा करते हैं. भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी. ज्येष्ठ माह में बड़े पुत्र की प्राप्ति होने के बाद इस दिन पूजा-अर्चना करने से पुत्र व परिवार का कल्याण होता है. इस दिन के बाद मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश का कार्य शुरू होता है. हनुमाननगर की रानी राय ने बताया कि संतान व परिवार के कल्याण के लिए प्रातः गंगा स्नान कर दिन भर व्रत रखा. अलीगंज गंगटी की पार्वती देवी ने बताया कि रात्रि में खुले जगह आंगन में रंगोली सजायी. रविवार को विधि-विधान से व्रत तोड़ भोजन ग्रहण करूंगी. यह पर्व पुत्र व परिवार के कल्याण के लिए पिछले 20 वर्षों से करती आ रही हूं. मारवाड़ी बहुल क्षेत्र में हुआ तुलसी विवाह का आयोजन मारवाड़ी बहुल क्षेत्र चुनिहारी टोला, लहेरी टोला, मारवाड़ी टोला लेन, बाल सुबोधिनी पाठशाला गली, टोडरमल लेन, दही टोला, खरमनचक, मंदरोजा मोहल्ले में देवोत्थान एकादशी पर तुलसी विवाह का आयोजन हुआ. रश्मि ने बताया कि उनके यहां शालीग्राम देवता व तुलसी विवाह का अनुष्ठान खासकर वैष्णव परिवारों में किया गया. सुहागिन महिलाएं अपने अमर सुहाग के लिए पूजन किया.
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