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बैंक मैनेजर की पत्नी ने गंगा में कूद दी जान

बैंक मैनेजर की पत्नी ने गंगा में कूद दी जानएसबीआइ झंडापुर, बिहपुर शाखा के मैनेजर हैं मनोज कुमार मनोज ने कहा, दीपा की मानसिक स्थित ठीक नहीं थी, पटना में चल रहा था इलाज फोटो मनोज जी वरीय संवाददाता, भागलपुर बिहपुर के झंडापुर स्थित एसबीआइ की शाखा के मैनेजर मनोज कुमार की पत्नी दीपा सिंह […]

बैंक मैनेजर की पत्नी ने गंगा में कूद दी जानएसबीआइ झंडापुर, बिहपुर शाखा के मैनेजर हैं मनोज कुमार मनोज ने कहा, दीपा की मानसिक स्थित ठीक नहीं थी, पटना में चल रहा था इलाज फोटो मनोज जी वरीय संवाददाता, भागलपुर बिहपुर के झंडापुर स्थित एसबीआइ की शाखा के मैनेजर मनोज कुमार की पत्नी दीपा सिंह ने शनिवार को बरारी स्थित जहाज घाट पर गंगा में छलांग लगाकर जान दे दी. 46 साल की दीपा का शव नदी में देखने के बाद आस-पास के लोगों ने उसे बाहर निकाला. मनोज कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी दीपा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उनका इलाज पटना के डॉक्टर के यहां चल रहा था. बता दें कि मनोज का परिवार बरारी थाना क्षेत्र के खिरनी घाट में रहता है. वह बेगूसराय के चित्रगुप्तनगर पोखिरया के रहनेवाले हैं. उनकी पत्नी मुंगेर की रहनेवाली थी.सुबह नाश्ता बनाकर दिया था पति को मनोज ने बताया कि शनिवार की सुबह दीपा एकदम ठीक लग रही थी. दीपा ने सुबह मनोज को नाश्ता बनाकर दिया था. मनोज का छोटा बेटा गौरव राज डीपीएस भागलपुर में आठवीं का छात्र है. मनोज और बेटे गौरव के घर से निकलने के बाद घर पर सिर्फ दीपा ही थी. गौरव राज ने बताया कि जब वह स्कूल से लौटा तो मां घर पर नहीं थीं. इसके बाद उसने पापा को फोन किया. तब तक दीपा के डूबने की खबर उन्हें मिल गयी और वे घाट पर पहुंच गये. पहले भी की थी कोशिशदीपा के द्वारा पहले भी नदी में छलांग लगाने की बात सामने आ रही है. आस-पास के लोगों ने कहा कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उसने पहले भी नदी में छलांग लगाने की कोशिश की. पहले के मामलों में उसे बचा लिया गया था. दीपा और मनोज के तीन बच्चे हैं. बेटियां बाहर रहती हैं जबकि गौरव राज डीपीएस में पढ़ाई करता है. …तब पोस्टमार्टम कराने की अनुमति मिली दीपा का शव मिलने के बाद उसके परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया. घटना की जानकारी बरारी पुलिस को मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टमार्टम को जरूरी बताया तब जाकर दीपा के शव के पोस्टमार्टम के लिए उसके परिजन तैयार हुए. इसके बाद भी शव का पोस्टमार्टम रोक दिया गया. मनोज के बयान पर दीपा के मायकेवालों की सहमति के बिना दीपा के शव को उन्हें सौंपने से मना कर दिया गया. मनोज ने बरारी थाना प्रभारी को मोबाइल पर अपने बड़े साले से बात करायी. फोन पर दीपा के भाई ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होने की बात कही तब दीपा के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. थाना प्रभारी केके अकेला ने मनोज से साफ कहा कि उनके बयान पर दीपा के मायकेवालों की सहमति जरूरी होगी. मनोज ने मुंगेर में रहने वाले दीपा के भाई को यहां आने के लिए कहा. घर में बंद कर रखा जाता था दीपा को? मनोज ने घर के दरवाजे की चाबी खुद के पास होने की बात कही. गौरव राज घर आया और मां को नहीं देखा इसका मतलब है कि गौरव के पास भी घर की चाबी रही होगी तभी वह घर के अंदर जा सका होगा. ऐसे में सवाल है कि क्या दीपा को घर में बंद कर चाबी मनोज रखते थे और अगर दीपा को बंद कर रखते थे तो दीपा घर से निकली कैसे.

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