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तीन दिन टाल-मटोल, डेढ़ घंटे कराया इंतजार, फिर मेयर बोलीं, नहीं लूंगी नोटिस

भागलपुर : उम्र विवाद मामले में पिछले दस दिनों से मेयर सीमा साहा को नोटिस देने को दौड़ लगा रहे जोगसर थानेदार ने लगातार टालमटोल वाले रवैया के बाद शनिवार को मेयर से मिलने के लिए निगम कार्यालय में ही कैंप कर दिया. क्राइम मीटिंग में व्यस्त होने की वजह से पहले केस के आइओ […]

भागलपुर : उम्र विवाद मामले में पिछले दस दिनों से मेयर सीमा साहा को नोटिस देने को दौड़ लगा रहे जोगसर थानेदार ने लगातार टालमटोल वाले रवैया के बाद शनिवार को मेयर से मिलने के लिए निगम कार्यालय में ही कैंप कर दिया. क्राइम मीटिंग में व्यस्त होने की वजह से पहले केस के आइओ सह जोगसर थानाध्यक्ष एसआइ विश्वबंधु ने मेयर को नोटिस सौंपने को शनिवार को थाना के एक पदाधिकारी को निगम कार्यालय जाकर मेयर से मिलने का निर्देश दिया.

वे निगम कार्यालय पहुंचे भी, लेकिन मेयर ने उन्हें यह कह कर बाद में आने की बात कही कि वह बैठक में व्यस्त हैं. इस बात की जानकारी पदाधिकारी ने जोगसर थानाध्यक्ष को दी. क्राइम मीटिंग खत्म होने के तुरंत बाद थानाध्यक्ष ने खुद निगम कार्यालय पहुंच मेयर से मिलने को वहां कैंप कर दिया.

मेयर से मिलने के लिए कई बार उन्होंने मेयर कार्यालय के कर्मियों से सूचना भी पहुंचवायी. पर करीब डेढ़ घंटे तक कार्यालय के बाहर इंतजार कराने के बाद मेयर ने उन्हें चेंबर में बुलाया. पर चेंबर में बुलाने के बाद मेयर ने यह कह कर थानाध्यक्ष को लौटा दिया कि वह अभी किसी भी तरह का नोटिस रिसीव नहीं करेंगी. अपने कानूनी सलाहकारों से विचार विमर्श करने के बाद वह बाद में नोटिस लेने की बात पर निर्णय लेंगी. जिसके बाद थानाध्यक्ष बैरंग ही मेयर चेंबर से बाहर निकल गये.
पिछले दस दिनों से मेयर द्वारा अपनाये जा रहे टालमटोल रवैये को लेकर अब भागलपुर पुलिस ने पुलिस की नोटिस के अवहेलना को लेकर अब कोर्ट में उनके विरुद्ध वारंट लेने का निर्णय लिया है. इधर, मेयर सीमा साहा का पक्ष लेने के लिए जब उन्हें फोन लगाया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला.
क्या है मामला : बता दें कि विगत 2017 के जून माह में पूर्व डिप्टी मेयर सह वर्तमान में वार्ड 19 की पार्षद प्रीति शेखर ने डीआइजी से मिलकर मेयर सीमा साहा पर उम्र को छिपाने के लिए फर्जीवाड़ा करने का आवेदन दिया था. जिसके बाद तत्कालीन डीआइजी विकास वैभव ने मामले में प्रीति शेखर द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था. प्रीति शेखर ने आरोप लगाया था कि चुनाव नामांकन को लेकर दिये गये शपथ-पत्र में सीमा साहा ने अपनी जन्मतिथि 5 फरवरी 1989 बतायी है, जबकि दूसरे शपथ-पत्र में अपनी बड़ी बेटी का जन्म एक फरवरी 2004 लिखा है. इंटरमीडिएट अंक पत्र में बड़ी बेटी काजल आनंद की जन्मतिथि 30 जुलाई 1997 बतायी है. मेयर सीमा साहा पर आरोप लगाया गया था कि अपनी और बेटियों की उम्र में हेराफेरी की गयी है. बड़ी बेटी के उम्र से सीमा का उम्र मात्र आठ साल का अंतर है. सीमा ने गलत शपथ पत्र भर कर चुनाव लड़ने, उम्र 27 वर्ष और जन्म तिथि 5 फरवरी, 1989 घोषित की है.
शपथ पत्र के कॉलम 7 में शैक्षणिक योग्यता सीनियर सेकेंड्री, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग अंकित है. जबकि सीमा की बड़ी बेटी काजल आनंद का जन्म तिथि 30 जुलाई, 1997 है. काजल प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल शाहकुंड की छात्रा है. शपथपत्र में प्रथम संतान का जन्म तिथि एक फरवरी, 2004, दूसरे जुड़ा संतान का जन्म तिथि 5 अप्रैल, 2005, चौथे का 10 मार्च, 2006 और पांचवें संतान का जन्म तिथि 26 जून, 2006 अंकित है. जबकि सीमा को कोई जुड़वां संतान नहीं है. उनका प्रमाण पत्र बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रेशन नंबर में जन्म तिथि 5 फरवरी, 1989 है. इस तरह मां-बेटी की उम्र में मात्र आठ साल का अंतर है.

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